लोकायुक्त के घेरे में यूपी के दो मंत्री

उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री बने नेताओं पर भ्रष्टाचार के मामले कम होते नहीं दिख रहे। फिलहाल दो वर्तमान मंत्रियों और एक पूर्व मंत्री पर लोकायुक्त जांच की तलवार लटकी है। माध्यमिक शिक्षामंत्री महबूब अली के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू हो गई है। इससे पहले बसपा सरकार में माध्यमिक शिक्षा मंत्री रहे रंगनाथ मिश्र के खिलाफ भी शिकायत हो चुकी है। वहीं खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ मामला दर्ज कर लोकायुक्त ने दो वर्षों में अर्जित संपत्ति पर जवाब मांगने का निर्णय किया है।

माध्यमिक शिक्षा मंत्री के विरुद्ध जांच शुरू
हरदोई के जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) जेपी मिश्रा पर अपनी मेहरबानियों के कारण माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूल अली के विरुद्ध लोकायुक्त की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गयी है।

लोकायुक्त के समक्ष पेश की गई शिकायत में डीआईओएस के भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए मंत्री पर उन्हें संरक्षण देने का आरोप लगाया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि मंत्री का संरक्षण होने के कारण ही तबादला होने के बावजूद मिश्रा डीआईओएस बने हुए हैं। लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने बताया कि हरदोई निवासी भगत बाबा तेजगिरी की शिकायतों का प्रारम्भिक परीक्षण किया जा रहा है। शिकायत के साथ पेश किए गए दस्तावेजों का परीक्षण करने के बाद ठोस आधार मिलने पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की जाएगी। शिकायतों में मुख्यत: परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में धनउगाही कर बोर्ड परीक्षा में नकल माफिया को पूरी छूट देने और तयशुदा शुल्क से अधिक की वसूली कर लगभग छह करोड़ रुपये एकत्र करने का आरोप लगाया गया है।

रंगनाथ मिश्र के खिलाफ भी की थी शिकायत
हरदोई के डीआईओएस जेपी मिश्रा के खिलाफ लोकायुक्त पहले भी जांच कर चुके हैं। लोकायुक्त का कहना है कि बसपा सरकार में माध्यमिक शिक्षा मंत्री रहे रंगनाथ मिश्र के खिलाफ शिकायत भी भगत बाबा तेजगिरी ने की थी। उस समय भी जेपी मिश्रा ही हरदोई के डीआईओएस थे। उनकी जांच रिपोर्ट पर उन्हें निलंबित किया गया था। विभागीय जांच अभी चल रही है लेकिन उन्हें दोबारा उसी जिले में तैनात कर दिया गया।

खनन मंत्री को देना होगा कमाई का हिसाब
लखनऊ। लोकायुक्त की जांच के घेरे में फंसे खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को फिलहाल कोई राहत नहीं मिल सकी है। शिकायतकर्ता के जांच की मांग से पीछे हटने के बावजूद लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने मामला दर्ज कर लिया है।

खनन मंत्री के खिलाफ शिकायत करने वाले प्रतापगढ़ के ओम शंकर द्विवेदी तयशुदा तिथि पर सोमवार को लोकायुक्त कार्यालय तो पहुंचे लेकिन लोकायुक्त को उन्होंने शिकायतों के संबंध में कोई और साक्ष्य दे पाने में असमर्थता जताई है। साथ ही यह भी कहा है कि अब वह कोई परिवाद नहीं चलाना चाहते।

वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान दिए गए शपथ पत्र में गायत्री प्रसाद प्रजापति ने अपनी माली हालत 1.81 करोड़ बताई थी। द्विवेदी की ओर से दिए गए साक्ष्यों के अनुसार प्रजापति ने दो वर्षों में अपने और सगे संबंधियों के नाम से लगभग 10.62 करोड़ रुपये की संपत्तियां खरीदीं। इन संपत्तियों की बाजार कीमत 15 करोड़ रुपये के आसपास है। लोकायुक्त का कहनाहै कि खनन मंत्री से इस बारे में जवाब मांगा जाएगा।

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