बीते साल समर्थन मूल्य पर 52 लाख 6 हजार 666 क्विंटल धान की खरीदी की गई थी। खरीदी की गई धान की कस्टम मिलिंग व उठाव के लिए जिले के 112 राइस मिलरों के साथ अनुबंध किया गया था। प्रशासन के दबाव के कारण समितियों के अलावा संग्रहण केंद्रों से धान का उठाव तो हो चुका है, लेकिन अब तक चावल जमा नहीं हुआ है। इसके कारण अभी भी साढ़े 8 लाख क्विंटल चावल जमा करना बाकी है। ऐसे में धान उठाव करने के बाद भी जिले के 93 राइस मिलरों के पास 140 करोड़ 25 लाख रुपए का चावल बचा हुआ है।
गौरतलब हो की बीते 14 अक्टूबर को खाद्य सचिव विकासशील ने बैठक वीडियो कांप्रᆬेंस के जरिए अधिकारियों को इसके लिए जमकर फटकार भी लगाई थी। इसके बाद खाद्य विभाग द्वारा करीब 50 राइस मिलरों को चावल जमा करने के लिए नोटिस दिया गया था ।इसके बाद भी राइस मिलर चावल जमा नहीं कर रहे हैं। चावल जमा नहीं होने की स्थिति में शासन को लाखों रुपए की चपत लग रही है।
फिर से दो माह का अल्टीमेटम
चावल जमा नहीं होने के कारण शासन स्तर पर जिले के अधिकारियों की काफी किरकिरी हो रही है। हालांकि प्रदेश के अन्य पांच जिलों में भी सैकड़ों क्विंटल चावल जमा करने के लिए बाकी है, लेकिन जिले का आंकड़ा अधिक होने के कारण अधिकारियों को इसका जिम्मेदार माना जा रहा है। बताया जाता है कि चावल जमा नहीं करने से नाराज कलेक्टर मुकेश बंसल द्वारा शनिवार को राइस मिलरों का बैठक ली गई थी। इस दौरान सभी राइस मिलरों को दोबारा दो माह का अल्टीमेटम देकर चावल जमा करने कहा गया है। ऐसे में दिसंबर तक बाकी चावल जमा होने की बात कही जा रही है।
20-20 हजार का लक्ष्य
जिले के राइस मिलरों को चावल जमा करने के लिए 20-20 हजार क्विंटल का लक्ष्य दिया गया है। नवंबर के अंतिम तक साढ़े 4 लाख मिट्रिक टन चावल जमा करने का निर्देश दिया गया है। शेष चावल को दिसंबर तक जमा करने की बात कही जा रही है।
नॉन के अधिकारी को फटकार
नॉन के अधिकारी को बैठक के दौरान कलेक्टर श्री बंसल द्वारा जमकर फटकार लगाई गई है। बताया जाता है कि जगह नहीं होने का बहाना कर अधिकारी द्वारा चावल जमा करने में आना-कानी की जाती है। इसके चलते कई बार राइस मिलरों को गोदाम से लौटना पड़ जाता है। इसकी शिकायत होने पर कलेक्टर द्वारा अधिकारी को फटकार लगाते हुए ऐसा करने पर कार्रवाई के लिएतैयार रहने की हिदायत दी गई है।
गायब न हो जाए चावल
समर्थन मूल्य पर खरीदी की गई धान का उठाव करने के बाद चावल जमा नहीं किया जा रहा है। बीते सालों में दर्जन भर से अधिक राइस मिलरों द्वारा धान उठाव के हिसाब से चावल जमा नहीं किया गया है। इनके खिलाफ कार्रवाई भी नहीं की गई है। ऐसे में इस बार भी जमा नहीं होने वाले सैकड़ों क्विंटल चावल को गायब होने की बात कही जा रही है।
कलेक्टर ने राइस मिलरों का बैठक ली थी। इस दौरान चावल जमा करने का निर्देश दिया गया है। साढ़े 8 लाख क्विंटल चावल जमा करने के लिए बाकी है। नवंबर में साढ़े 4 लाख मिट्रिक टन चावल जमा करने का लक्ष्य दिया गया है।
केके घोरे, खाद्य अधिकारी