वैश्विक स्तर पर वर्ष 2030 तक यह संख्या बढ़ कर लगभग 552 मिलियन हो जायेगी. ऐसी ही रिपोर्ट हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के माध्यम से दी गयी है. लेकिन अगर अपनी आहार व जीवन शैली में सुधार किया जाये तो इसे कम किया जा सकता है. साथ ही प्रत्येक सप्ताह दो-तीन अखरोट के सेवन से महिलाओं में टाइप-2 डायबीटीज का खतरा कम हो जाता है.
हार्वर्ड के नये अध्ययन के अनुसार, अखरोट के सेवन एवं टाइप 2 डायबिटीज के बीच एक गहरा संबंध पाया है. हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के अनुसंधानकर्ताओं ने मधुमेह, कार्डियो वैस्कुलर रोग अथवा बेसलाइन कैंसर से मुक्त महिलाओं को लेकर एक रिसर्च किया. फिलहाल की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि कुल वसा के बजाय वसा के प्रकार का सेवन टाइप 2 डायबेटीज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. विशेष रुप से अखरोट में पाये जाने वाले पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स (पीयूएफएज) का उच्च स्तर टाइप 2 डायबेटीज के खतरे को कम करने में सक्षम है. मधुमेह व मोटापा रोग के विशेषज्ञ डॉ डेविट काट्ज के अनुसार, हमें अपने रोजाना के आहार में अखरोट का शामिल करना चाहिए, इससे मधुमेह के खतरे को हम कम कर सकते