हजारीबाग. राज्य में करीब 198 करोड़ की धान खरीद में घपला का मामला सामने आया है। इसे लेकर खाद्य सचिव डॉ प्रदीप प्रसाद ने उपायुक्तों को पत्र लिखा है। पत्र में राइस मिलों से चार किस्तों में 31 अक्टूबर तक राशि जमा कराने, राशि जमा करने में देरी पर 18′ ब्याज के साथ राशि वसूली और संबंधित राइस मिलों को काली सूची में डालने का आदेश दिया गया है। संबंधित लैंपस/पैक्स से भी राशि वसूलने को कहा गया है। गौरतलब है कि यह मामला खरीफ मौसम 2012-13 से जुड़ा है। सरकार के बार-बार निर्देश के बावजूद किसानों से सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे गए 14 लाख 96 हजार 477 क्विंटल धान का ब्योरा नहीं दिया जा रहा है।
मिलिंग के बाद चावल सुपुर्द नहीं
राइस मिलों ने 12,44,985 क्विंटल धान की मिलिंग कर परिवर्तित चावल एफसीआई को सुपुर्द नहीं किया। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने इनसे लागत राशि ही वसूलने का निर्णय लिया। है। धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1250 रुपए प्रति क्विंटल तथा अन्य वास्तविक व्यय का 50 प्रतिशत (कुल 1298.05 रुपए प्रति क्विंटल की दर से) राइस मिलों से वसूलने का निर्देश दिया है। इसकी कुल राशि एक अरब 61 करोड़ 60 लाख 52 हजार 779 रुपए होती है। उसी प्रकार लैंपस/पैक्स द्वारा 2,51,492 क्विंटल धान राइस मिलों को नहीं दिया गया। इस गड़बड़ी से लैंपस/पैक्स से धान का न्यूनतम मूल्य प्रति क्विंटल 1250 रुपए और अग्रिम अवशेष राशि मिलाकर 36 करोड़ 77 लाख 52 हजार 378 रुपए वसूलने का निर्णय लिया गया है।