वन भूमि को बनाया डंपिग साइट

संवाद सूत्र, गरोला : जनजातीय क्षेत्र गरोला के अंतर्गत आती पिल्ली
स्वाई सड़क निर्माण से निकला मलबा बेरोक टोक वन विभाग की भूमि पर डंप किया
जा रहा है। जिसको लेकर न तो वन विभाग का स्थानीय कर्मचारी चिंतित है और न
ही इस कार्य को अंजाम देने वाला लोनिवि और उसका ठेकेदार। जबकि उचित
प्रतिक्रिया के अभाव में अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब पिल्ली
से स्वाई सड़क के साथ लगती वन भूमि पर लगी वनस्पति टनों मलबे के ढेर के
नीचे दब कर दम तोड़ देगी।

जानकारी के अनुसार इस निर्माण कार्य योजना को लेकर कोई निर्धारित
डंपिंग साइट सुनिश्चित न हो पाने के कारण यहां पर जगह-जगह रोड के निर्माण
से निकले मलबे को फेंका जा रहा है। हालांकि इस वन क्षेत्र के संरक्षण हेतु
यहां पर वन रक्षक तो तैनात है। लेकिन आज दिन तक इस अनियमितता को लेकर उसके
द्वारा क्या प्रयत्‍‌न किए गए हैं। उसके भूतल पर कोई निशान नहीं दिखते
हैं। आलम यह है कि इस निर्माण कार्य के पूरा होने तक अगर वन विभाग द्वारा
आपत्ति दर्ज नहीं करवाई गई तो अभी यहां पर टनों के हिसाब मलबा और फेंका
जाना बाकि है। जिसके चलते यहां की वन भूमि को काफी खतरा पैदा हो सकता है।

फिलहाल खबर लिखे जाने तक यहां पर मलबे की अवैध डंपिंग बेदस्तूर जारी
थी। जिस पर कुछेक प्रकृति के संरक्षणवादियों ने आपत्ति दर्ज करवाना शुरू कर
दिया है।

ठेकेदार को लोनिवि ने नहीं दिए कोई निर्देश : एसडीओ

लोनिवि गरोला के एसडीओ अरविंद भारद्वाज का कहना है कि उक्त ठेकेदार को
ऐसा करने के निर्देश लोनिवि ने नहीं दिए हैं। अगर ऐसा हो रहा है तो आवश्यक
कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

जवाब मांगा जाएगा : डीएफओ

डीएफओ भरमौर सुमन औहरी ने बताया कि उन्हें इस मामले का संज्ञान नहीं
है। अगर ऐसा है तो उक्त क्षेत्र का मुआयना करके शीघ्र लोनिवि से इस संबंध
में जवाब-तलबी की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *