खरीद का लक्ष्य नहीं हुआ पूरा
रबी फसलों पर बेमौसम बारिश की मार के बावजूद इस साल गेहूं की सरकारी खरीद पिछले साल से ज्यादा रही है। इसमें सबसे ज्यादा योगदान पंजाब, मध्य प्रदेश और हरियाणा ने किया है। इसके बावजूद इस साल 310 लाख टन की गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा है।
पिछले साल के मुकाबले खरीद बढ़ने से केंद्र में आई नई सरकार को महंगाई से जूझने और खाद्य सुरक्षा कानून को लागू करने में मदद मिलेगी।
खाद्य मंत्रालय की आंकड़े के मुताबिक, चालू रबी खरीद सीजन में सभी सरकारी एजेंसियों ने 21 मई तक कुल 263 लाख टन गेहूं की खरीद कर ली है। जबकि पिछले साल इस समय तक सिर्फ 246 लाख टन खरीद हुई थी।
पंजाब ने खरीदा सबसे ज्यादा गेहूं
करीब 113 लाख टन गेहूं खरीद कर पंजाब 110 लाख टन गेहूं खरीद के लक्ष्य को पार कर गया है। हरियाणा का आंकड़ा भी 65 लाख टन के खरीद लक्ष्य के करीब पहुंच चुका है।
गेहूं के सबसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में शुमार उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन खरीद के मामले में पिछड़ता जा रहा है। इस साल यूपी में सिर्फ तीन लाख टन गेहूं खरीद हुई है, जो पिछले साल हुई 6.8 लाख टन खरीद के मुकाबले आधे से भी कम है।
रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद
कृषि उत्पादन के तीसरे अग्रिम अनुमान में कृषि मंत्रालय ने वर्ष 2013-14 के दौरान 264.38 लाख टन के रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन की उम्मीद जताई है, लेकिन इस साल गेहूं की खरीद सरकारी अनुमानों से कम रहने का असर केंद्रीय पूल में खाद्यान्न भंडार पर दिखाई दे रहा है।