मध्य प्रदेश के शिवपुरी की कुछ महिलाएं दूध की कंपनी
बनाकर न सिर्फ खुद अच्छी कमाई कर रही हैं, बल्कि उन्होंने आसपास के गावों
की महिलाओं को भी अपने पैरों पर खड़े होने का मौका दिया है।
कंपनी बाजार में अपने मिल्क प्रोडक्ट्स उतारने के बारे में सोच रही है…
6,000 रुपये हर महीने कमा रही है, कंपनी से जुड़ी प्रत्येक महिला
30 महीने पहले शिवपुरी की महिलाओं ने हरदौल मिल्क कंपनी शुरू की
32 गांवों की 440 महिलाओं की जिंदगी हरदौल मिल्क ने बदल दी
01 लाख रुपये की बचत से गरीब महिलाओं ने शुरू की थी कंपनी
4.5 लाख रुपये का मुनाफा कमाया था, हरदौल मिल्क ने पिछले वित्त वर्ष में
: हम अपना आउटलेट शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं। इससे हमारा मार्जिन
बढ़ जाएगा। इससे कंपनी से जुड़ी महिलाओं की आमदनी भी बढ़ेगी।
: फिलहाल कंपनी का जोर नेटवर्क बढ़ाने पर है। शुरुआत में हमारा फोकस
शिवपुरी में कामकाज के विस्तार पर है। इसके बाद हम दूसरी जगहों के बारे में
सोचेंगे।
… मीराबाई लोधी,
अध्यक्ष, हरदौल मिल्क प्रोड्यूसर
अंग्रेजी के प्रख्यात लेखक विलियम शेक्सपियर ने कहा था कि सितारे
नहीं बल्कि खुद हम अपनी नियति तय करते हैं। मध्य प्रदेश के शिवपुरी की कुछ
महिलाओं पर यह बात सटीक बैठती है। ढाई साल पहले इन महिलाओं ने हालात बदलने
के लिए खुद पहल की थीं। कभी दो वक्त की रोटी की मोहताज ये महिलाएं आज हर
महीने 6 हजार रुपये से ज्यादा कमा रही हैं।
हरदौल मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी ने इन महिलाओं की जिंदगी बदल दी है। आज 32
गांवों की 440 महिलाएं इस कंपनी से जुड़ चुकी हैं। हरदौल ने पिछले वित्त
वर्ष में 4.5 लाख रुपये का मुनाफा कमाया है। कंपनी बाजार में मिल्क
प्रोडक्ट्स उतारने के बारे में सोच रही है।
शिवपुरी जिला मुख्यालय से ८० किलोमीटर दूर पिछौर ब्लॉक के 10 गांवों की
गरीब महिलाओं ने ढाई साल पहले अपना समूह बनाया। इस समूह ने अक्टूबर २०११
में हरदौल मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी शुरू की। इसके लिए इन्होंने छोटी-छोटी
बचत से एक लाख रुपये की पूंजी इकट्ठी की थी। पिछले वित्त वर्ष के दौरान
कंपनी ने 4.५ लाख रुपये का मुनाफा कमाया है। ३२ गांव की ४४० महिलाएं कंपनी
से जुड़ी हुई हैं। ये महिलाएं हर महीने 6 हजार रुपये से ज्यादा कमा रही
हैं।
हरदौल मिल्क प्रोड्यूसर ने पहले दिन करीब २०० लीटर दूध इकट्ठा किया था।
आज कंपनी में रोजाना करीब १६०० लीटर दूध पहुंच रहा है। इसे ग्वालियर
दुग्ध संघ को सप्लाई किया जाता है। कंपनी के पास फिलहाल दो दुग्ध शीत
केन्द्र हैं। पहले साल हरदौल मिल्क ने करीब २३.४२ लाख रुपये का कारोबार
किया था। चालू वित्त वर्ष में कारोबार तीन गुना से ज्यादा ८० लाख रुपये तक
पहुंच जाने की उम्मीद है। वित्त वर्ष २०१२-१३ में कंपनी ने ४१.२१ लाख
रुपये के कारोबार के साथ करीब ४.५ लाख रुपये का मुनाफा कमाया था।
ढाई साल में मिली कामयाबी ने कंपनी का उत्साह काफी बढ़ा दिया है। उसने
अगले वित्त वर्ष के दौरान दूध संकलन को बढ़ाकर ४००० लीटर रोजाना करने का
लक्ष्य तय कियाहै। इसके लिए कंपनी जल्द एक नया दुग्ध शीत केन्द्र स्थापित
करेगी। नए शीत केंद्र से संकलन करीब २००० लीटर प्रति दिन बढ़ जाएगा।
कंपनी बाजार में अपने मिल्क प्रोडक्ट्स लाने के बारे में सोच रही है। वह
हेमको ब्रांड से अपने उत्पाद बाजार में पेश करेगी। हरदौल मिल्क ने रिटेल
आउटलेट खोलने की भी योजना बनाई है। दो साल के अंदर पहला आउटलेट खुल जाने की
संभावना है।
हरदौल मिल्क की अध्यक्ष मीराबाई लोधी ने कहा कि फिलहाल कंपनी का जोर
नेटवर्क बढ़ाने पर है। उन्होंने कहा, ‘हम दूध का संकलन बढ़ाना चाहते हैं।
इसके लिए हम गाय और भैंस पर काफी निवेश कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि दूध
संकलन बढ़ जाने पर हम अपना आउटलेट शुरू करेंगे। इससे हमारा मार्जिन बढ़
जाएगा। उन्होंने अगले तीन साल में कंपनी के हर सदस्य की आमदनी तीन गुनी हो
जाने की उम्मीद जताई।
अभी हरदौल मिल्क शिवपुरी में कामकाज बढ़ाने पर फोकस कर रही है। लोधी ने
कहा कि अभी शिवपुरी जिले में ही विस्तार की काफी संभावनाएं है। इन
संभावनाओं के इस्तेमाल के बाद ही हम बाहर जाने के बारे में सोचेंगे। हमने
पहला आउटलेट भी शिवपुरी में ही खोलने का फैसला किया है। कंपनी अपने ब्रांड
को मजबूत बनाने के बाद ही शिवपुरी से बाहर जाना चाहती है। लोधी का मानना है
कि जल्दबाजी में जरूरत से ज्यादा विस्तार करना नुकसानदायक साबित हो सकता
है।