प्रदेश के खनन राज्यमंत्री :स्वतंत्र प्रभार: गायत्री प्रसाद प्रजापति ने ‘भाषा’ से विशेष बातचीत में बताया ‘‘सरकार प्रदेश में अवैध खनन को रोकने के लिये एक विशेष खनन बल गठित करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है।”
उन्होंने कहा कि अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिये एक विशेष बल बनाने की जरूरत लम्बे वक्त से महसूस की जा रही थी, क्योंकि निचले स्तर के कर्मचारियों के लिये खनन माफिया की गतिविधियों को रोकना अक्सर मुश्किल होता है।
प्रजापति ने बताया कि बहुत बार तो ऐसा होता है कि खनन अधिकारी वाहन तथा स्टाफ जैसे संसाधनों की कमी की वजह से अवैध खनन के स्थान का पता लगाने की स्थिति में नहीं होते । राज्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने खनन अधिकारियों को अपने वाहनों पर नीली बत्ती लगाने का अधिकार देने का प्रस्ताव भी किया है।
खनन बल के बारे में प्रजापति ने बताया कि इसके लिये नयी भर्तियां की जाएंगी और उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही जरूरत पड़ने पर उन्हें खनन माफिया से मुकाबले के लिये अत्याधुनिक हथियार भी उपलब्ध कराये जाएंगे।
खनन राज्यमंत्री प्रजापति ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में अवैध खनन को रोकने के लिये प्रतिबद्ध है और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। खनन बल का गठन होने के बाद अवैध खनन को प्रभावी ढंग से रोकने के लिये पुलिस पर निर्भरता कम हो जाएगी।
राज्य सरकार के इस कदम को गौतमबुद्धनगर में खनन माफिया के खिलाफ अभियान चलाने वाली उपजिलाधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल के हाल में निलम्बन से खराब हुई छवि को ठीक करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि दुर्गाशक्ति को गौतमबुद्धनगर सदर तहसील के रबुपुरा क्षेत्र स्थित कादलपुर गांव में एक निर्माणीधीन मस्जिद की दीवार को अदूरदर्शितापूर्ण तरीके से हटवाने और उसके कारण साम्प्रदायिक सौहार्द प्रभावित होने के आरोप में 27 जुलाई की रात को निलम्बित कर राजस्व परिषद लखनउच्च् से सम्बद्ध कर दिया गया था।
दुर्गाशक्ति ने हाल के दिनों में नोएडा में यमुना और हिन्डन नदी के तटवर्ती इलाकों में चल रहे अवैध खनन के विरच्च्द्ध अभियान चला रखा था और अवैध खनन के मामले में लगभग दो दर्जन प्राथमिकियां दर्ज करवायी थीं।
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि दुर्गाशक्ति का निलम्बन सत्तारच्च्ढ़ दल से जुड़े अवैध खनन माफियाओं के दबाव में किया गया है।
हालांकि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उपजिलाधिकारी के खिलाफ हुई कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा था कि दुर्गाशक्ति ने अदूरदर्शितापूर्ण तरीके से मस्जिद की दीवार गिरवायी थी और उनकी इस हरकत से प्रदेश में माहौल खराब करने की कुछ ताकतों की साजिश को बल मिलता।
(भाषा)