मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसुमरिया ने कहा है कि जेनेटिकली मॉडीफाइड (जीएम) फसलों को अनुमति दिए जाने से भारतीय किसानों बहुराष्ट्रीय कंपनियों के ‘गुलाम’ बन जाएंगे। उन्होंने जीएम फसलों और इनके लिए प्रस्तावित बायो-टैक्नॉलोजी रेगुलेटरी अथॉरिटी और एग्रीकल्चर बायो-सिक्योरिटी बिल का विरोध किया है।
राज्य के कृषि मंत्री ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे, सांसदों और सभी मुख्यमंत्रियों को भेजे पत्र में कहा है कि अमेरिका और यूरोप के देश हमारे किसानों को ‘गुलाम’ बना लेंगे क्योंकि देश के कृषि क्षेत्र पर उनका कब्जा होगा। पत्र में अपील की गई है कि वे अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके बिल को मंजूरी और अथॉरिटी का गठन न होने दें।
कृषि मंत्री के अनुसार फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, पेरू और स्पेन जैसे कई देश पहले ही जीएम फसलों पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। हंगरी में करीब 1,000 एकड़ में खड़ी जीएम मक्का की फसल नष्ट कर दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका और यूरोपीय देशों ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों की मदद से पारंपरिक बीज तैयार करने की पद्धति नष्ट कर दी है।
फसल चक्र बदल गया है और पारंपरिक तरीके से उर्वरक तैयार करने का भी काम बंद हो गया है। किसान पहले ही बीटी कपास के जरिये बहुराष्ट्रीय कंपनियों के ‘गुलाम’ बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि शुरू में जीएम बीजों की पैदावार ज्यादा रहती है।