राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश को लागू करने के लिए खाद्य मंत्रालय को योजना आयोग से मिले आंकड़ों में हरियाणा, दिल्ली, पुडूचेरी, दमन-दीव और चंडीगढ़ में गांवों के मुकाबले शहरों में ज्यादा गरीब लोग रहते हैं। ऐसे में इन राज्यों में अत्यंत सस्ती दरों पर होने वाले आवंटन में लाभार्थियों का प्रतिशत गांव के मुकाबले शहर में ज्यादा होगा।
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश के माध्यम से देश की 81.39 करोड़ जनता को खाद्यान्न आवंटन की तैयारी कर ली है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार खाद्य सुरक्षा अध्यादेश से उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा 15.24 करोड़ लाभार्थी
शामिल होंगे।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि योजना आयोग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार हरियाणा, दिल्ली, पुडूचेरी, दमन-दीव और चंडीगढ़ में गांव के मुकाबले शहरों में गरीबों की हिस्सेदारी ज्यादा है इसलिए इन राज्यों में लाभार्थियों का प्रतिशत गांव के मुकाबले शहरों में ज्यादा है। हरियाणा में राष्ट्रीय खाद्य अध्यादेश के माध्यम से आवंटित किए जाने वाले खाद्यान्न में जहां ग्रामीण जनता की हिस्सेदारी 51.59 फीसदी है, वहीं शहरी जनता की हिस्सेदारी 51.66 फीसदी है।
इसी तरह से दिल्ली में 30.91 फीसदी ग्रामीण और 44.21 फीसदी शहरी जनता है। चंडीगढ़ में 21.21 फीसदी ग्रामीण और 24.88 फीसदी शहरी, दमन-दीव में 57.52 फीसदी ग्रामीण और 59.79 फीसदी जनता शहरी तथा पुडूचेरी में 21.64 फीसदी ग्रामीण और 23.93 फीसदी शहरी जनता शामिल होगी।
खाद्य सुरक्षा अध्यादेश को लागू करने के लिए योजना आयोग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार देशभर की 81.39 करोड़ जनता को खाद्यान्न का आवंटन किया जाएगा। हालांकि योजना आयोग नए आंकड़े तैयार कर रहा है लेकिन वर्तमान आंकड़ों में ज्यादा बदलाव की संभावना नहीं है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकारों को लाभार्थियों की पहचान के लिए छह महीने का समय दिया गया है लेकिन कुछ राज्य जैसे दिल्ली, हरियाणा इत्यादि अगस्त महीने से ही खाद्य सुरक्षा अध्यादेश को लागू करना चाहते हैं।
उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा अध्यादेश से सबसे ज्यादा मणिपुर की 88.04 फीसदी ग्रामीण और 85.81 फीसदी शहरी आबादी शामिल होगी। इसके बाद बिहार की 86.70 फीसदी ग्रामीण और 73.16 फीसदी शहरी जनता को लाभ मिलेगा जबकि छत्तीसगढ़ में 84.27 फीसदी ग्रामीण और 56.52 फीसदी शहरी जनता शामिल होगी।
अन्य राज्यों में झारखंड की 83.44 फीसदी ग्रामीण और 58.51 फीसदी शहरी, उत्तर प्रदेश की 80.71 फीसदी ग्रामीण और 61.25 फीसदी शहरी, मध्य प्रदेश की 78.58 फीसदी ग्रामीण तथा 54.05 फीसदी शहरी जनता होगी। लाभार्थियों में पंजाब की 52.10 फीसदी आबादी ग्रामीण और 49.19 फीसदी शहरी, राजस्थान की 76.04 फीसदी ग्रामीण और 54.03 फीसदी शहरी जनता शामिल होगी।
योजना आयोग के अनुसार देश में 83.30 करोड़ जनता गांव में और 37.71 करोड़ जनता शहरों में रहती है। खाद्य सुरक्षा अध्यादेश से लाभार्थियों को 3 रुपये प्रति किलो की दर से चावल, 2 रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं और 1 रुपये प्रति किलो की दर से मोटे अनाज का आवंटन होगा।919 रुपये प्रति किलो रह गया।
गोदाम बनाने के लिए नाबार्ड देगा आसान कर्ज
मुंबई – देश में खाद्य सुरक्षा कानून लागू होने के बाद अनाज के भंडारण के लिए दबाव बढ़ेगा। ऐसे में प्राइवेट व्यापारियों को गोदाम बनाने के लिए आसानशर्तों पर कर्ज मिलेगा। नाबार्ड के स्तर पर 5000 करोड़ रुपये का फंड बनाया गया है। नाबार्ड के बोर्ड सदस्य डी. बी. गुप्ता ने बताया कि इस बजट में बनाए गए इस फंड में से हम प्राइवेट सेक्टर के कारोबारियों को भी कर्ज देंगे।
कई राज्यों में सरकारी स्तर पर कर्ज लेकर गोदाम बनाने की पहल नहीं हुई है। खाद्य सुरक्षा अध्यादेश लागू होने के बाद ज्यादा अनाज और उसके रखरखाव के लिए ज्यादा सुविधाओं की जरूरत होगी। इस वजह से अनेक गोदामों की जरूर होगी। इस वजह से प्राइवेट सेक्टर इस मामले में अहम भूमिका अदा कर सकता है। (प्रेट्र)