रांची. हटिया स्थित गुरुनानक स्कूल में हुई एक चूक ने गुरुवार को 37 बच्चों को अस्पताल पहुंचा दिया। दरअसल इस रिहायशी स्कूल में नाश्ते बंटने के दौरान एक बच्चे की प्लेट में छिपकली मिली। तब-तक 44 बच्चों में नाश्ता बंट चुका था और 19 बच्चे काफी हद तक खा भी चुके थे। जैसे ही पता चला कि खाने में छिपकली गिरी है, तब तक नीरज नामक बच्चे के पेट दर्द शुरू हो गया। फिर तो लाइन लग गई।
जी मिचलाना, उल्टियां, चक्कर आना, पेट में दर्द आदि। कुछ बच्चों को स्कूल में दवा दी गई, पर बेअसर। अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन में बच्चों को रिम्स लाया गया। जांच हुई तो 14 की स्थिति ज्यादा गंभीर थी। सबका इलाज शुरू हुआ। देर शाम 23 बच्चों को दवाओं के साथ वापस स्कूल भेज दिया गया, जबकि बाकी का इलाज जारी है।
स्कूल प्रबंधन गैर जिम्मेदार इतना कि बच्चों ने बुधवार रात के बाद कुछ नहीं खाया है और 23 बच्चे खा सकने की स्थिति में हैं, यह पता होने के बावजूद कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा था। दोपहर करीब ढाई बजे जब लोगों ने कहा, तब बच्चों को ब्रेड का एक-एक टुकड़ा दिया। उधर, रिम्स में भी हाल बुरा था। कहीं कुछ बच्चों को खड़े-खड़े सलाइन चढ़ाई जा रही थी। कहीं एक बेड पर दो-दो बच्चों का इलाज।
कहीं एक टेबल पर सलाइन लगाए तीन-तीन बच्चे। कहीं एक-एक गद्दे पर 12-12 बच्चे इलाजरत थे। अच्छा यह था कि शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. एके शर्मा ने बता दिया था कि बच्चे खतरे से बाहर हैं। इसके साथ ही राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम वहां पहुंची थी। इसमें सुनीता कात्यायन खुद डॉक्टर हैं। उन्होंने स्वयं ही बच्चों की चिकित्सकीय जांच भी की। बच्चों पर अधिक ध्यान देने के निर्देश भी दिए। सुबह सात बजे कुक बबलू-सोनी (पति-पत्नी) ने आलू-मटर की सब्जी व रोटियां बच्चों को दी थीं।