छह महीने में शुरू होंगी एक लाख करोड़ की परियोजनाएं

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सरकार ने देश में बुनियादी ढांचे के निर्माण की रफ्तार बढ़ा दी है। अगले छह महीने में सरकार एक लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम शुरू करने को तैयार है। अगले दो महीने में कुछ परियोजनाओं के लिए निविदा प्रक्रिया भी शुरू होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को बुनियादी क्षेत्र की परियोजनाओं की प्रगति का जायजा लेने के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी। इस क्षेत्र से संबंधित सभी मंत्रियों और सचिवों ने इसमें हिस्सा लिया।

बैठक में इस क्षेत्र की चल रही परियोजनाओं की समीक्षा हुई और नई परियोजनाओं की पहचान की गई। सबसे अधिक वरीयता बिजली परियोजनाओं को ईंधन आपूर्ति सुनिश्चित करने और सड़क, रेल व एयरपोर्ट परियोजनाओं की रफ्तार बढ़ाने को दी गई। प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रालयों को मिलजुल कर जल्द से जल्द समस्याओं का निदान करने और बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं की रफ्तार बढ़ाने में सहयोग करने की हिदायत दी।

बैठक में डेढ़ लाख करोड़ रुपये की सात ऐसी परियोजनाओं की पहचान की गई जिन पर अगले छह महीने में काम शुरू किया जा सकता है। इनमें मुंबई एलीवेटेड रेल कॉरीडोर, दो लोकोमोटिव परियोजनाएं, एक्सेलरेटिंग डीएफसी परियोजनाएं, एक एक्सप्रेस वे, दो बंदरगाह, दो एयरपोर्ट परियोजनाएं शामिल हैं। इनमें बिजली और ट्रांसमिशन परियोजनाएं, जिनमें नई अल्ट्रा मेगा परियोजना भी हैं। मगर छह महीने में एक लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं के ही शुरू होने की संभावना है।

बैठक का ब्योरा देते हुए योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने बताया कि मौजूदा बिजली परियोजनाओं को ईंधन की सप्लाई का मुद्दा अब सुलझ गया है। अब बिजली परियोजनाओं को गैस की सप्लाई पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। अभी घरेलू गैस की सप्लाई में उवर्रक उद्योग को प्राथमिकता दी जाती है। सरकार ने वरीयता सूची पर पुनर्विचार कर पेट्रोलियम व गैस मंत्रलय से एक नोट तैयार करने को कहा है।

माना जा रहा है कि जिन परियोजनाओं पर काम शुरू होना है उनमें दिल्ली-जयपुर या दिल्ली-लुधियाना एक्सप्रेसवे का नाम आ सकता है। बैठक में इस बात पर हैरानी जताई गई कि अभी तक देश में एक भी राष्ट्रीय राजमार्ग एक्सप्रेसवे नहीं है। जहां तक दो नए एयरपोर्ट का सवाल है, उसमें यदि तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की सरकारें राजी हुईं तो चेन्नई और कोलकता एयरपोर्ट पर काम शुरू किया जा सकता है।

सभी परियोजनाएं सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तौर पर शुरू की जा सकती हैं। इनके अलावा सरकार ने बुनियादी ढांचागत क्षेत्र के विकास का बड़ा एजेंडा भी तैयार किया है। इसके तहत देश में 50 छोटे एयरपोर्ट और आठ नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट विकसित करने की योजना है। इनमें झारखंड में तीन, बिहार में तीन, पंजाब में तीन और उत्तर प्रदेश में नौ एयरपोर्ट का विकास किया जाना है। प्रधानमंत्री ने बैठक में जोर दिया कि बुनियादी क्षेत्र का विकास देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद जरूरी है और इस पर गंभीरता से काम करना होगा।

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