हरियाणा व पंजाब ने धान का रकबा घटाने का प्रयास

पानी की समस्या से जूझ रहे पंजाब व हरियाणा राज्य ने चालू खरीफ सीजन में धान की बुवाई के रकबे में कटौती करने का निर्णय लिया है। चालू खरीफ सीजन में दोनों राज्य धान की बुवाई क्षेत्र में 1.65 लाख हैक्टेयर की कटौती करेंगे।

ऐसा करने के लिए दोनों राज्यों की सरकारों ने किसानों को अन्य फसल की बुवाई करने की अपील की है।
पंजाब ने चालू खरीफ सीजन में धान बुवाई के लक्ष्य को घटाकर 27.50 लाख हैक्टेयर कर दिया है। जबकि पिछले खरीफ सीजन में 28.45 लाख हैक्टेयर में बुवाई की गई थी।

पंजाब कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि पानी की समस्या के कारण किसानों को अन्य फसल की बुवाई के लिए प्रेरित किया जा रहा है। वहीं पड़ोसी राज्य हरियाणा ने भी चालू खरीफ सीजन में धान की बुवाई को घटाकर 11.50 लाख हैक्टेयर कर दिया है जो पिछले वर्ष 12.15 लाख हैक्टेयर थी। धान की बुवाई कम होने से चावल उत्पादन की कमी की संभावना जताई जा रही है।

अनुमान है कि पंजाब से 110 लाख टन व हरियाणा से 38.52 टन चावल का उत्पादन होगा जो पिछले वर्ष पंजाब में 113.74 लाख टन व हरियाणा में 39.76 लाख टन था। पंजाब व हरियाणा केंद्रीय पूल में करीब 35-40 फीसदी चावल देता है।
पंजाब में धान की बुवाई सोमवार से शुरू हो रही है जबकि हरियाणा में 15 जून से शुरू होगी।

दोनों राज्य ने भूमिगत जल को बचाने के लिए कानून बनाया है। इसके तहत तय समय पर ही फसलों का उत्पादन किया जा सकता है। पानी की बचत करने के लिए दोनों राज्य किसानों को कपास, मक्का व गन्ना उत्पादन करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

पंजाब ने अगले पांच-छह सालों में धान उत्पादन में 12 लाख हैक्टेयर की कमी करने का निर्णय लिया है। इसके बदले राज्य चार लाख हैक्टेयर में मक्का, दो लाख हैक्टेयर में कपास, दो लाख हैक्टेयर में बासमती, 1.7 लाख हैक्टेयर में गन्ना व 80 हजार हैक्टेयर में सब्जी व फल उगाने की बुवाई करेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *