ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मनरेगा की खामियां दूर करने की दिशा में शुरुआत की

नयी दिल्ली। संप्रग सरकार की ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने की अग्रणी योजना ‘मनरेगा’ के क्रियान्वयन को लेकर नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक :कैग: की खिंचाई के बाद ग्रामीण विकास मंत्रालय ने आज कहा कि उसने इन कमियों को दूर करने के लिये कई कदमों की शुरुआत की है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इसके लिये एक आदर्श लेखाजोखा फार्मेट तैयार करने और क्रियान्वयन की कमियों को दूर करने के लिये योजना के मूल्यांकन की शुरुआत की है।
मंत्रालय ने कहा है कि कैग की रिपोर्ट के बाद उसने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना :मनरेगा: की निगरानी के लिये व्यापक बहुस्तरीय निगरानी प्रणाली तैयार की है।
कैग की रिपोर्ट के बाद संसद की लोकलेखा समिति के समक्ष दिये गये अपने प्रस्तुतीकरण में मंत्रालय ने कहा कैग की रिपोर्ट के आधार पर वह इसमें भ्रष्टाचार दूर करने के लिये लेखाजोखा रखने के एक आदर्श फार्मेट तैयार करने की प्रक्रिया में है।

नियमों और दिशानिर्देशों के अनुरूप काम करने की आवश्यकता पर मंत्रालय ने कहा कि इस संबंध में नये संचालन दिशानिर्देश 2013 के तहत कोष जारी करने के लिये आवश्यक जरुरतों को उल्लिखित किया गया है।
रिपोर्ट में सरकारी लेखापरीक्षक ने ग्रामीण विकास मंत्रालय और केन्द्रीय रोजगार गारंटी परिषद को योजना के राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक स्वंतत्र मूल्यांकन किये जाने की सिफारिश की थी। मंत्रालय ने कहा है कि योजना आयोग ने इसकी शुरुआत की है और वह भी राष्ट्रीय स्तर पर इसका मूल्यांकन कर रहा है।
(भाषा)

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