नई दिल्ली : अब यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर (यूआईडी) का इस्तेमाल पैन
कार्ड बनवाने के रुप किया जा सकता है. हासिल करने के लिए जल्द ही पते का
वैध सबूत बन जाएगा. पहचान के लिए वैध सबूतों की मौजूदा लिस्ट में आधार को
शामिल करने के लिए एक प्रपोजल फाइनेंस मिनिस्ट्री को कुछ समय पहले भेजा गया
है. मिनिस्ट्री ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी करने का फैसला किया है.
इस कदम का मकसद जाली या डुप्लिकेट पैन कार्ड्स की समस्या से निपटना है.
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्सपेयर्स को पैन कार्ड अलॉट करता है. फाइनेंस
मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने बताया, ‘आधार को पैन हासिल करने के लिए वैध
सबूत के तौर पर स्वीकार करने के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जाली और
डुप्लिकेट पैन कार्ड्स की समस्या को खत्म कर पाएगा. इसे लेकर काम किया जा
रहा है.’
मिनिस्ट्री ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के जरिए अपने डाटाबेस में अभी तक
1.75 लाख आधार नंबरों को शामिल किया है. डिपार्टमेंट पिछले तीन वर्षों से
टैक्सपेयर्स का बायोमेट्रिक डाटाबेस तैयार करने की योजना पर काम कर रहा है.
आधार के डाटा के साथ यह काम अब आसान हो जाएगा.
अभी तक पैन लेने के लिए
वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और प्रॉपर्टी से जुड़े
दस्तावेज सबूत के तौर पर माने जाते हैं. मिनिस्ट्री ने पिछले वर्ष भारतीय
नागरिकों और कंपनियों के लिए पैन कार्ड के आवेदन का नया फॉर्म 49 ए पेश
किया था. इसमें आवेदन करने वाला अपना आधार नंबर दे सकता है.
2006 में मिनिस्ट्री ने बायोमेट्रिक पैन कार्ड का प्रपोजल दिया था.
इसमें टैक्सपेयर की उंगलियों के निशान और चेहरा शामिल था. अब यह काम आधार
के डाटाबेस के साथ किया जा सकेगा.
पिछले वर्ष दिसंबर तक देश में 16.49 करोड़ पैन कार्ड जारी किए गए थे.
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पाया है कि बहुत से लोगों के पास एक से ज्यादा
पैन कार्ड हैं या बहुत से लोग टैक्स से बचने और बेनामी प्रॉपर्टी खरीदने के
लिए गलत जानकारियां दे रहे हैं.