दूध की बिक्री के लिए नहीं ठोस नीति

संवाद सहयोगी, बलाचौर : दूध को सर्वश्रेष्ठ खाद्य पदार्थ
के रूप में जाना जाता है। अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए यह पौष्टिक
आहार महत्वपूर्ण माना जाता है, इसके बावजूद इसकी सही ढंग से बिक्री नहीं हो
पा रही है। इसे लेकर पशु पालक काफी दुविधा में हैं।

इस संबंध में दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए पशु पालक सुनील कुमार,
रोशन लाल, मक्खन लाल, राकेश कुमार, रोशन लाल प्रेम चंद, विक्की चौधरी, काला
चौधरी, साहिल चौधरी, राज कुमार, गुरसेवक व जसविंदर कुमार आदि ने कहा कि
उनके द्वारा रखे गए पशुओं के दूध की सेल के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई
है। ऐसे में दूध की बिक्री न होने से यह बर्बाद हो रहा है। किसान को एवरेज
दूध की कीमत करीब 26 रुपये तथा गाय के दूध की कीमत 16 रुपये प्रति किलो के
हिसाब से मिलती है, जबकि दुधारू पशुओं के लिए खाद्य पदार्थ 21 रुपये से 22
रुपये, दलिया 13 से 14 रुपये, फीड छह से आठ रुपये प्रति किलो के हिसाब से,
जबकि हरा चारा एक रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से मिलता है। कम से कम एक
दुधारू पशु के लिए एक दिन में 40 से 50 रुपये किलो हरा चारा, पांच किलो
खल, 40 किलो दलिया के अलावा तारामीरा 42 से 45 रुपये किलो रेट है। इसके
अलावा सूखा चारा, बीमारी के दौरान दवाइयां, वैक्सीनेशन आदि का खर्च डाल
लिया जाए तो किसान के हाथ में कुछ नहीं बचता। सरकार को इस ओर ध्यान देना
चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि भैंस के दूध का दाम कम से कम 40
रुपये तथा गाय का दूध 28 रुपये प्रति किलो तय किया जाए।

भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के जिला प्रधान इंद्र सिंह जोसन ने कहा कि
दूध के मूल्य का गिरना चिंता का विषय है। इससे किसानों को भारी घाटा हो
सकता है। इस संबंध में मुख्य संसदीय सचिव चौधरी नंदलाल ने कहा कि दूध के
भाव का गिरना जहां किसानों के लिए मुश्किल पैदा करेगा, वहीं मार्केट में
दूध की भी कमी आएगी। इस संबंध में जिला प्रशासन तथा मुख्यमंत्री से बात
करके समाधान निकाला जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *