आठ वर्ष में दूध का उत्पादन 80 मिलियन बढ़ाना होगा

अहमदाबाद [शत्रुघ्न शर्मा]। भारत में प्रति व्यक्ति दूध
की उपलब्धता 291 ग्राम है जबकि विकसित देशों में 500 ग्राम है, बढ़ती
जनसंख्या के साथ देश को अगले आठ वर्ष में दूध का उत्पादन 80 मिलियन टन
बढ़ाना होगा। भारत सरकार ने इसके लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को नेशनल
डेयरी योजना सौंपी है जिसके तहत जानवरों की नस्ल सुधार के साथ दूध के
उत्पादन को बढ़ाया जाएगा, देश के 40 हजार गांवों के 27 लाख किसानों को इससे
जोड़ा जाएगा।

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की अध्यक्ष अमृता पटेल ने पत्रकारों को
बताया कि देश में दूध के उत्पादन को जनसंख्या के अनुपात में बढ़ाने के लिए
एनडीडीबी केंद्र सरकार की राष्ट्रीय डेयरी योजना पर काम कर रहा है। केंद्र
ने इस योजना के लिए अब तक 131 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए हैं। इसके तहत
गुजरात, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उडीसा, कर्नाटक,
राजस्थान, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में दूध देने वाले जानवरों की नस्ल
सुधार, वीर्य स्टेशन के सुद्रढीकरण, संतुलित आहार व घास चारा कार्यक्रम
चलाए जाएंगे।

श्रीमती पटेल ने बताया कि देश में वर्तमान में 127 मिलियन टन दूध का
उत्पादन हो रहा है, 2016-17 में 155 मिलियन टन तथा वर्ष 2021-22 में 210
मिलियन टन दूध की जरूरत होगी जिसके लिए अभी से दूध के उत्पादन को बढ़ाने पर
ध्यान देना होगा। भारत में प्रति व्यक्ति हाल में 291 ग्राम दूध उपलब्ध है
जबकि विकसित राज्यों में इसकी उपलब्धता 500 ग्राम है। उन्होंने बताया कि
पशुओं में आहार संतुलन के लिए बनासकांठा के 184 गांवों के 18 सौ पशुओं पर
टैग लगाकर निरीक्षण किया गया। जिसमें पशुओं को संतुलित आहार देने से दूध के
उत्पादन में वृद्धि रिकार्ड की गई है। संतुलित आहार कार्यक्रम के तहत
पशुओं के प्रति किलो दूध में 0,27 ग्राम का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।

विदेश पशुओं के भ्रूण लाएगा एनडीडीबी :

देश में दूध का उत्पादन बढ़ाने का एक सरल रास्ता विदेशी नस्ल के पशुओं
को लाना है लेकिन केंद्र सरकार उनके साथ आने वाली बीमारियों से बचने के लिए
इसके लिए स्वीकृति नहीं दे रही है। इससे पहले विदेश पशुओं का वीर्य लाने
पर भी विचार हुआ लेकिन बात नहीं बनी। एनडीडीबी अब विदेशी पशुओं के भू्रण
लाने पर विचार कर रहा है जिनकी पैदाइश भारत में कराई जाए ताकि भविष्य में
विदेशी नसल के पशुओं के जरिए देश का दूध उत्पादन बढ़ाया जा सके। एनडीडीबी
इसके लिए अमेरिका तथा कनाड़ा से दूधारू पशुओं के भ्रूण लाने पर विचार कर रही
है।

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