जलवायु परिवर्तन से पक्षियों के अस्तित्व पर खतरा

भारत सहित एशियाई पक्षियों की प्रजाति के अस्तित्व पर जलवायु परिवर्तन से
बडा खतरा मंडरा रहा है. एक नये अध्ययन में इन खतरों के बारे में आगाह किया
गया है.

डरहम विश्वविद्यालय और बर्डलाइफ इंटरनेशनल ने अपने अध्ययन में कहा है कि
जलवायु परिवर्तन से इस क्षेत्र में पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों को
नुकसान झेलना पड सकता है.

हाल में पत्रिका ‘ग्लोबल चेंज बॉयोलोजी’ में प्रकाशित रिपोर्ट के
मुताबिक कुछ चरम मामलों में परिंदों को अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए खुद
में बदलाव करना पड सकता है.

एशिया में पक्षियों की 370 प्रजाति पर हुए इस अध्ययन में पूर्वी हिमालय
से लेकर निचली मेकांग नदी बेसिन क्षेत्रों-भूटान, लाओस, कंबोडिया, वियतनाम
और भारत तथा नेपाल के क्षेत्रों पर गौर किया गया.

सामने आए तथ्यों से यह भी पता चला है कि पक्षियों का जीवन इस पर भी
निर्भर करेगा कि किस तरह से संरक्षण स्थलों को सहेजा जाता है अथवा एक जगह
से दूसरे जगह उनकी आवाजाही हो पाती है या नहीं.

डरहम विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल एंड बायोमेडिकल साइंसेज के
सह लेखक डॉ. राबर्ट बागची ने कहा कि अत्यंत विपरीत परिस्थिति में अधिकतर
प्रजाति अलग जगहों पर अपना ठिकाना तलाश सकते हैं.

भारत में पक्षियों के बसेरे के तौर पर कुल 466 महत्वपूर्ण जगहों की अब
तक पहचान हो पायी है जहां लुप्तप्राय: से लेकर विविध किस्म के पक्षी पाए
जाते हैं.

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