आगरा. यमुना
एक्सप्रेस वे पर किसानों ने जाम लगा दिया है। वहां करीब आधा दर्जन
गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, गढ़ीरामी गांव में
बुधवार की दोपहर को किसानों की महापंचायत हो रही है। ये किसान जेपी ग्रुप
द्वारा टाउनशिप के लिए बेची जा रही जमीन से आक्रोशित हैं। टप्पल, नोएडा के
भी किसान इस महापंचायत में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। सैंकड़ों
किसानों के जुटने के मद्देनजर प्रशासन ने भी भारी पुलिस फोर्स की
व्यवस्था की है।
इससे पहले जब भी किसानों का इस तरह जमावड़ा हुआ
है, तब एक्सप्रेस वे जाम और यहां तोड़-फोड़ हुई है। पिछले सप्ताह भी
किसानों ने एक्सप्रेस वे को पांच घंटे तक जाम रखा था। प्रशासन और पुलिस
इसी आशंका के मद्देनजर चौकस है।
दरअसल, किसानों से टाउनशिप के लिए
आगरा में 500 एकड़ जमीन 580 रुपए प्रति स्क्वायर मीटर जमीन ली गई। लेकिन
जेपी ग्रुप 13189 रुपए स्वायर मीटर जमीन ले रहा है। इसके अलावा प्रति
यार्ड 3500 रुपए डेवलपमेंट चार्ज लिया जा रहा है। सड़कों व अन्य कार्यों
के लिए 30 फीसदी छोड़ दी जाए तो 70 फीसदी जमीन की कीमत 5.9 हजार करोड़ रुपए
होगी। इस फायदे पर किसान सवाल उठा रहे हैं।
एक्सप्रेस वे पर किसानों ने जाम लगा दिया है। वहां करीब आधा दर्जन
गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, गढ़ीरामी गांव में
बुधवार की दोपहर को किसानों की महापंचायत हो रही है। ये किसान जेपी ग्रुप
द्वारा टाउनशिप के लिए बेची जा रही जमीन से आक्रोशित हैं। टप्पल, नोएडा के
भी किसान इस महापंचायत में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। सैंकड़ों
किसानों के जुटने के मद्देनजर प्रशासन ने भी भारी पुलिस फोर्स की
व्यवस्था की है।
इससे पहले जब भी किसानों का इस तरह जमावड़ा हुआ
है, तब एक्सप्रेस वे जाम और यहां तोड़-फोड़ हुई है। पिछले सप्ताह भी
किसानों ने एक्सप्रेस वे को पांच घंटे तक जाम रखा था। प्रशासन और पुलिस
इसी आशंका के मद्देनजर चौकस है।
दरअसल, किसानों से टाउनशिप के लिए
आगरा में 500 एकड़ जमीन 580 रुपए प्रति स्क्वायर मीटर जमीन ली गई। लेकिन
जेपी ग्रुप 13189 रुपए स्वायर मीटर जमीन ले रहा है। इसके अलावा प्रति
यार्ड 3500 रुपए डेवलपमेंट चार्ज लिया जा रहा है। सड़कों व अन्य कार्यों
के लिए 30 फीसदी छोड़ दी जाए तो 70 फीसदी जमीन की कीमत 5.9 हजार करोड़ रुपए
होगी। इस फायदे पर किसान सवाल उठा रहे हैं।