नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक राजधानी में हर तीसरे दिन दहेज की खातिर एक की मौत हो जाती है।
गृह
मंत्रालय ने पिछले सत्र में संसद में दिल्ली पुलिस के आंकड़े पेश किए,
जिसके मुताबिक बीते चार साल 2008, 2009, 2010, 2011 में दहेज के लिए मौत की
धारा के तहत 689 लोगों को गिरफ्तार किया, इनमें से महज 207 के खिलाफ
आरोपपत्र दाखिल हो सका और उन्हें जेल हुई।
चार
साल पहले दिल्ली पुलिस ने एक सकरुलर जारी कर आदेश दिया था कि दहेज
उत्पीड़न के मामलों में डीसीपी की पूर्व अनुमति के बिना किसी की गिरफ्तारी
नहीं होगी।
अदालत के
दिशानिर्देश के बाद पुलिस ने ऐसा किया था। 2008, 2009 व 2010 में दिल्ली
पुलिस ने धारा 304बी के तहत कुल 413 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से 75
मामले कनविक्शन तक पहुंचे।
अरेंज
मैरिज में आज भी यह सोच बहुत गहरे तक बैठी है कि बहु आ रही है तो कुछ न
कुछ आना चाहिए। सख्त कानून बनने के बावजूद यह मानसिकता खत्म नहीं हुई है।
लोगों के सामने ढेरों मिसालें हैं कि कानून अपना काम नहीं कर पाता। कानून
का भय केवल कमजोर व्यक्तियों को होता है।ञ्जञ्ज प्रो. गिरीश्वर मिश्र, प्रख्यात मनोविज्ञानी
पंखे से लटक दी जान
पहली
घटना में दक्षिण-पश्चिम जिले के द्वारका सेक्टर-6 में ससुरालियों द्वारा
दहेज के लिए प्रताड़ित करने पर नगर निगम स्कूल में बतौर शिक्षिका तैनात
दिव्या ने रविवार सुबह घर के अंदर पंखे के सहारे लटक कर अपनी जीवन लीला
समाप्त कर ली। घटना स्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। दिव्या की
मई 2011 में द्वारका निवासी देवेंदर से शादी हुई थी।
देवेंदर
भी एक सरकारी स्कूल में शिक्षक है। दिव्या के भाई गौरव ने बताया कि
देवेंदर के माता-पिता और ननद अक्सर उसकी बहन को अधिक दहेज लाने के लिए
परेशान करते थे। शादी के 15 दिन बाद से ही ससुरालियों की मांग आना शुरू हो
गई थी।
कई मांगों को उनके
द्वारा पूरा भी किया गया, लेकिन आगे उनकी मांग और बढ़ गई, जिससे परेशान
होकर बहन ने यह कदम उठाया। शव को पोस्टमार्टम के लिए सुरक्षित रखवा दिया
गया है। पुलिस सहित एसडीएम ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
10 लाख मांगे थे दहेज में
दूसरे
मामले में मानसरोवर पार्क में नीतू (28) ने भी संदिग्ध परिस्थितियों में
फांसी लगाकर आत्महत्या की। नीतू परिवार के साथ जीटी रोड शाहदरा में रहती
थी।
परिवार में पति नितिन
शर्मा और दो बेटे हैं। नीतू के भाई मनीष ने बताया कि नीतू के ससुराल वाले
10 लाख रुपए के दहेज की मांग कर रहे थे, जिसके न दे पाने पर उन्होंने बहन
की हत्या करने की आशंका जताई।
हालांकि,
ससुरालियों ने इससे इंकार किया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि शनिवार
रात को नितिन का जन्मदिन था और वह शराब पीकर घर आया था। रात को नीतू की
सास शालिनी और पति से झगड़ा हुआ, जिसके बाद नितिन बगैर खाना खाएही सो गया।
पुलिस आशंका जात रही है
कि इस बात से नाराज होकर नीतू ने फांसी लगाई होगी। नितिन और उसकी मां
शालिनी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने दोनों
को गिरफ्तार कर लिया है। आगे की जांच की जा रही है।
मारपीट के बाद मिट्टी का तेल डाल लगाई आग
तीसरे
मामले में पीड़िता राखी और उसकी बड़ी बहन निशा की शादी बीते साल छावला
निवासी रोहतास सिंह के दोनों बेटों से हुई थी। राखी के पिता का आरोप है कि
दोनों बेटियों को सास संतोष और ससुर रोहतास द्वारा अधिक दहेज लाने के लिए
परेशान किया जाता था।
मना
करने पर राखी का पति सुमित और निशा का पति प्रदीप उन्हें सताते थे और
मारपीट भी करते थे। इससे परेशान होकर चार सितंबर को दोनों बहने अपने मायका
चली आईं थी।
नौ सितंबर को
सुमित और प्रदीप पत्नियों को समझा-बुझाकर घर ले आए, लेकिन 14 सितंबर की रात
को सुमित ने एक बार फिर पत्नी के साथ मारपीट की। निशा बचाने गई तो सुमित
ने उसे कमरे से बाहर कर दिया। उसने सास, ससुर और देवर के सामने राखी पर
मिट्टी का तेल छिड़कर आग लगा दी। राखी की हालत गंभीर बताई जा रही है।