नई दिल्ली। यूं तो पूरी दुनिया में हर दिन पांच साल से कम उम्र के 19
हजार बच्चे बेमौत मर रहे हैं। लेकिन, पिछले वर्ष विश्व में पांच वर्ष से कम
उम्र के बच्चों की सबसे अधिक मौतें भारत में हुई है। बच्चों के लिए काम
करने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार 2011
में देश में इसी आयु वर्ग में 15.55 लाख बच्चों की मौत हुई।
न्यूयॉर्क में जारी यूनिसेफ की चाइल्ड मॉर्टिलिटी एस्टीमेट्स
रिपोर्ट-2012 के अनुसार पूरी दुनिया में पांच साल से कम उम्र के मरने वाले
बच्चों में आधे भारत समेत पांच देशों से ही होते हैं। अन्य चार देशों में
नाइजीरिया, कांगो, पाकिस्तान और चीन हैं। लेकिन, भारत में मरने वाले बच्चों
की संख्या इन चारों देशों की कुल मृतक संख्या से भी अधिक है। विश्व
स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की भारत की प्रतिनिधि नता मेनाब्डे ने
हालांकि कहा कि भारत के मामले में विशाल जनसंख्या के कारण वास्तविक संख्या
अधिक रहेगी। उन्होंने कहा कि इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि भारत
ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में पांच वर्ष से कम उम्र के
प्रतिदिन 19,000 बच्चे मौत के मुंह में समा जाते है। विश्व भर में 2011 में
पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मौतों की संख्या में गिरावट आई है।
लेकिन, अफ्रीका के उप सहारा इलाकों व दक्षिण एशिया में बच्चों की मौतों में
वृद्धि दर्ज हुई। वैसे 2011 में बाल मृत्यु दर के लिहाज से 61 प्रति हजार
के साथ भारत का स्थान 49वां था। इस सूची में सिएरा लियोन सबसे ऊपर है जहां
बाल मृत्यु दर 185 प्रति हजार है।