ये है हरियाणा की जमीनी हकीकत, आंकडें बयां कर रहे हैं कहानी

करनाल.
लाख कोशिशों के बावजूद हरियाणा में लिंगानुपात सुधर नहीं रहा। देश को आजाद
हुए 64 साल हो चुके हैं लेकिन आज भी यहां लड़कियों की संख्या लड़कों के
मुकाबले बहुत कम है।

विकसित राज्यों में शुमार होने वाले इस प्रदेश में उन्हें बराबर का महत्व
नहीं मिलता जबकि कई क्षेत्रों में वह लड़कों से बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं।
प्रदेश में 1000 लड़कों पर सिर्फ 877 लड़कियां हैं। झज्जर जिले में तो यह
700 से भी कम है। प्रदेश में आए दिन कन्या भ्रूण हत्या की घटनाएं सामने आती
हैं। लोगों को जागरूक कर इस सामाजिक बुराई के खिलाफ खड़ा करना ही इस
समस्या का एकमात्र हल है।

ये गांव हैं मिसाल

गांव लिंगानुपात

मंगलपुर (जींद) 1571 लड़कियां
काब्रछा (जींद) 1458 लड़कियां
ढाकल (जींद) 1333 लड़कियां
गांगोली (जींद) 1208 लड़कियां
करसोला (जींद) 1195 लड़कियां
निडाना (जींद) 1136 लड़कियां
पीएचसी चोरा (करनाल) 1439 लड़कियां
पीएचसी पोपड़ा (करनाल) 1133 लड़कियां
पीएचसी घीड़ (करनाल) 1095 लड़कियां
पीएचसी तरावड़ी 1000 लड़कियां
हरियाणा 877 लड़कियां

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