डॉक्टरों ने खुद पैसा जुटाया, ऑपरेशन किया और जीत लिया ‘दिल’

भोपाल। हमीदिया
अस्पताल में हृदय रोग से पीड़ित एक मरीज की जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने
आपस में रकम जुटाकर उसका ऑपरेशन किया। मरीज के हार्ट का वॉल्व और एओर्टा
खराब था। मई में सीने में उठे दर्द के बाद वह इलाज कराने यहां आया था।
हमीदिया के डॉक्टरों ने चंदा कर जिंदगी की आखिरी सांसें गिन रहे 49 वर्षीय
हृदय रोगी का एओर्टा बदलकर मिसाल पेश की है। मरीज के ऑपरेशन पर कुल 3 लाख
रुपए खर्च हुए। इस राशि में पौने दो लाख रुपए की मदद अस्पताल के
कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने की है।




अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में 15 मई को दमोह निवासी कल्लू सिंह को
भर्ती किया गया था। उन्हें सीने में दर्द की शिकायत थी। दरअसल उनके हार्ट
का एओर्टिक वॉल्व ठीक से काम नहीं कर रहा था। डॉक्टर्स ने कल्लू सिंह को
एओर्टिक वॉल्व बदलवाने की सलाह देने के साथ राज्य बीमारी सहायता निधि का
प्रस्ताव संचालनालय स्वास्थ्य को भेज दिया। विभाग के अधिकारियों ने भी
वॉल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी के लिए हमीदिया अस्पताल अधीक्षक को 1 लाख 25 हजार
रुपए की मंजूरी दे दी। इस दौरान मरीज का स्वास्थ्य बिगड़ गया।




इससे कल्लू सिंह के हार्ट वॉल्व के अलावा वॉल्व ट्यूब (एओर्टा) भी खराब हो
गई। डॉक्टर्स ने 12 जून को कार्डियो मेडिसिन विभाग से मरीज को ऑपरेशन के
लिए कार्डियक सर्जरी में रैफर कर दिया। यहां तीन दिन तक चले इलाज के बाद
डॉ. अंबर मेहरोत्रा, डॉ. प्रवीण शर्मा और उनके पांच साथियों ने मिलकर 16
जून को मरीज के हृदय का ऑपरेशन कर कृत्रिम एओर्टिक वॉल्व और एओर्टा
प्रत्यारोपित कर दिया।




आठ घंटे और सात डॉक्टर




कल्लू के हार्ट की वॉल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी व एओर्टा बदलने में अस्पताल के
७ सीनियर डॉक्टरों को 8 घंटे लगे। कार्डियक सर्जन डॉ. प्रवीण शर्मा ने
बताया कि वॉल्व रिप्लेसमेंट के साथ एओर्टा बदलना, सामान्य सर्जरी की
अपेक्षा कुछ कठिन हैं। मरीज की कार्डियक पल्मोनरी बायपास सर्जरी की गई।
सर्जरी टीम में डॉ. आरपी कौशल, डॉ. बृजेश कौशल, डॉ. विशाल जैन, डॉ. विनय
केलकर, डॉ. नवीन जैन, पैरामेडिकल स्टाफ नर्स श्रीलता व श्रीकुमारी शामिल
थीं।




आर्थिक मदद का इंतजार नहीं




कार्डियोथोसिक सर्जन डॉ. अंबर मेहरोत्रा ने बताया कि कल्लू सिंह के हार्ट
का वॉल्व, एओर्टा ट्यूब विथ वॉल्व के ऑपरेशन के लिए बजट मंजूर होने का
इंतजार नहीं किया जा सकता था। इस कारण डॉक्टरों ने एओर्टा ट्यूट खुद के
खर्च पर मंगाने का निर्णय लिया। साथ ही दिल्ली की इंप्लांट सप्लायर कंपनी
से इंप्लांट मंगा लिया।




उन्होंने बताया कि इस इंप्लांट के बिल का भुगतान विभाग के डॉक्टरों ने मिलकर किया है।




भगवान कीतरह हैं डॉक्टर




कल्लू सिंह की पत्नी बबली बाई ने बताया कि जब डॉक्टर्स ने मेडिकल जांच के
बाद पति के हार्ट के ऑपरेशन के लिए कहा, उसी समय उन्होंने उनके ठीक होने की
उम्मीद छोड़ दी थी। उनका कहना है अस्पताल के डॉक्टर उनके लिए भगवान की तरह
हैं।




वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा था




कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. प्रवीण शर्मा ने बताया कि कल्लू सिंह के हार्ट
ने वॉल्व खराब होने के कारण काम करना बंद कर दिया था। इस कारण डॉक्टरों ने
उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर ने रखा था। डॉ. शर्मा ने बताया कि ऑपरेशन टेबल पर
मरीज के हार्ट ने अचानक काम करना बंद कर दिया। इस दौरान डॉक्टरों और
पैरामेडिकल स्टाफ ने सीधे हार्ट मसाज कर मरीज के हार्ट को सामान्य किया।
ऐसा करने में डॉक्टरों को तीन मिनट का समय लगा।

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