यूरिया मूल्यवृद्धि पर फैसला टला

Decision on urea hike averted

सरकार ने यूरिया की खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला टाल दिया है। आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की बृहस्पतिवार को हुई बैठक में खाद मंत्रालय की ओर से यूरिया के खुदरा मूल्य में 10 फीसदी बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर सरकार कोई निर्णय कर पाई।

यूरिया इकलौती ऐसी खाद है, जिसकी कीमतों पर सरकार का पूरा नियंत्रण है। फिलहाल, यूरिया का खुदरा मूल्य 5,310 रुपया प्रति टन है। खाद मंत्रालय चाहता था कि इसे बढ़ाकर 5,841 रुपये प्रति टन कर दिया जाए सूत्रों के मुताबिक, कुछ मंत्रालय यूरिया की खुदरा कीमतें बढ़ाने का विरोध कर रहे हैं।

उनका मानना है कि इससे किसानों पर बोझ बढ़ेगा। खाद मंत्रालय ने यह प्रस्ताव सरकार पर सब्सिडी का बोझ कम करने और मिट्टी में असंतुलित पोषक तत्वों के इस्तेमाल को हतोत्साहित करने के तहत दिया था। सरकार मुख्य रूप से खाद, ईंधन और खाद्य पदार्थों पर सब्सिडी उपलब्ध कराती है।

2011-12 में खाद सब्सिडी बिल पर 24,500 करोड़ रुपये व्यय का अनुमान है। इससे पहले, सरकार की योजना पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) स्कीम के अंतर्गत यूरिया सेक्टर को नियंत्रणमुक्त करने की थी।

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