अब बदलेगी गांव की तस्वीर, लिया तीस गांव को गोद

पुणो.
लोकमान्य बहुद्देशीय सहकारी संस्था ने आजादी के 65 साल बाद भी विकास की
किरण को तरस रहे महाराष्ट्र-बेलगांव सीमाई क्षेत्र के तीस गांवों का आर्थिक
तौर पर कायाकल्प करने का बीड़ा उठा लिया है। इस पहल से गांवों के लोग
आर्थिक रूप से निश्चित रूप से सक्षम हो सकेंगे यह विश्वास संस्था के
संस्थापक अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार किरण ठाकुर ने गुरुवार को व्यक्त
किया।




श्री ठाकुर के मुताबिक चार वर्ष पहले सहकारी संस्थाओं के कुछ अधिकारियों का
बांग्लादेश दौरा आयोजित किया गया था। इस दौरे में मैं भी शामिल था। वहां
हमने देखा कि महिलाओं का समाज में अलग ही स्थान है। इसके अलावा वहां पर
गरीबी निमरूलन के लिए भी विशेष कार्य किया गया है।




वहां पर नोबेल पुरस्कार विजेता प्रा. मोहम्मद यूनुस भी से मिले। उनके
द्वारा किए गए कार्यो से मुझे काफी प्रेरणा मिली। उसके बाद मैंने सीमा
स्थित गांवों में रह रहे लोगों का आर्थिक विकास करने का इरादा बनाया।
लोकमान्य संस्था पहले से ही सामाजिक कार्य करती आ रही है।




संस्था द्वारा जो तीस गांव गोद लिए गए हैं वह सीमा क्षेत्र में आने के कारण
सुविधाओं और सुधारों से वंचित हैं। यही देख संस्था ने उनका आर्थिक विकास
करने की योजना बनाई। इन गांवों में रह रहे परिवारों का रोजगार क्या है,
उसके माध्यम से उन्हें कितनी आय होती है,




इस बारे में सर्वेक्षण करने के लिए संस्था द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता
नियुक्त किए गए हैं। उन्हें प्रति माह वेतन भी दिया जा रहा है। अब उक्त
कार्यकर्ताओं की रिपोर्ट मिलने के बाद सही मायने में कार्य शुरू होगा।




ऐसे करेंगे विकासतीस गांवों के लोगों को संस्था के जांभुर्डी स्थित
महाविद्यालय में व्यवसायों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें खुद के व्यवसाय
के लिए संस्था द्वारा कर्ज के रूप में आर्थिक सहयोग भी दिया जाएगा। उनके
परिवारों की आय बढ़ाने के लिए संस्था महत्वपूर्ण कार्य करेगी। संस्था की इस
योजना से उक्त लोगों का निश्चित रूप से आर्थिक विकास होगा यह विश्वास
संस्था को है।

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