जयपुर.भ्रूण
लिंग परीक्षण की रोकथाम के लिए पुलिस मुखबिर योजना शुरू करेगी। प्रमुख गृह
सचिव अशोक संपतराम ने सोमवार को हाईकोर्ट में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा
कि मुखबिर इस तरह का परीक्षण कराने वाले लोगों तथा परीक्षण करने वाले
डॉक्टरों सूचना देंगे। योजना के संबंध में प्रदेश के सभी थानाधिकारियों व
अनुसंधान अधिकारियों को तीन दिन में निर्देश दे दिए जाएंगे।
नवजात
बच्चियों की हत्या कर कचरे के डिब्बे में शव डालने और चौमूं के एक नर्सिग
होम में गर्भपात के मामले में अधिवक्ता एसके गुप्ता की याचिका पर सुनवाई के
दौरान प्रमुख गृह सचिव ने न्यायाधीश महेश चंद्र शर्मा के समक्ष कहा कि
भ्रूण लिंग परीक्षण रोकने के लिए सिक्योरिटी सिस्टम के बारे में भी
थानाधिकारियों व अनुसंधान अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे।
अदालत ने
भ्रूण का सही पोस्टमार्टम नहीं होने पर प्रमुख स्वास्थ्य सचिव प्रदीप शारदा
सहित संबंधित डॉक्टरों को भी तलब किया था। डॉक्टर अनिल सोलंकी व ओमप्रकाश
हाजिर हुए और उन्होंने अदालत से माफी मांगते हुए कहा कि उन्होंने भ्रूण के
शव का पोस्टमार्टम नहीं किया। इस पर अदालत ने उन्हें निर्देश दिया कि वे
आगामी सुनवाई पर शपथ पत्र पेश कर बताएं कि गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिंग
का सोनोग्राफी से कितने समय बाद पता लगाया जा सकता है।