एक साल बाद का भट्टा-पारसौल… राहुल और कांग्रेस का विरोध

ग्रेटर नोएडा।
भटट-पारसौल गोलीकांड के एक वर्ष पूरे होने पर सोमवार को आंदोलन में मारे
गए किसानों की याद में ग्रामीणों ने शहीद दिवस मनाया। धरना स्थल पर किसानों
ने हवन-यज्ञ कर उनकी आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना की। सोमवार को
भट्टा पारसौल गोलीकांड को एक साल पूरा हो गया।




सात मई 2011 को ही भट्टा-पारसौल आंदोलन के दौरान किसानों और पुलिस के बीच
झड़प हुई थी और दो किसान राजकर व राजपाल और दो पुलिस कांस्टेबल की मौत हो
गई थी। किसानों की याद में भट्टा, मुतैना, आछेपुर और पारसौल गांव के करीब
500 किसानों ने शहीद दिवस मनाया। इस दौरान सुबह झाझर-दनकौर मार्ग स्थित
धरना स्थल पर सुबह 9 बजे किसानों की आत्मा की शांति के लिए हवन-यज्ञ किया
गया।




एक सभा का भी आयोजन किया गया। जिसमें सर्वदल किसान संघर्ष समिति के
संस्थापक मनवीर तेवतिया की पत्नी नूतन तेवतिया ने कहा कि उनके पति मनवीर
तेवतिया सहित अन्य किसानों पर दर्जनों झूठे मुकदमे लाद कर अपराधी घोषित कर
जेल में डाल दिया गया।




कांग्रेस विधायक का हुआ विरोध




इस दौरान खुर्जा सीट से कांग्रेस विधायक बंशी सिंह पहाडिय़ा ने जब किसानों
को संबोधित करना शुरू किया तो सर्वदल किसान संघर्ष समिति के सदस्यों ने
कांग्रेस का विरोध शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि राहुल गांधी ने किसानों
के दर्द को तो समझा, लेकिन उसका उपचार नहीं किया। किसानों से किया गया भूमि
अधिग्रहण और किसानों की हर संभव मदद का वादा भी पूरा नहीं किया। विरोध देख
विधायक बिना कुछ बोले ही बैठ गए।




समिति प्रवक्ता मास्टर त्रिलोक चन्द ने कहा कि नई सरकार से उन्हें बहुत
उम्मीदें हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से सदस्यों ने भेंट कर जेल में बंद 9
किसानों की रिहाई व अन्य मुद्दों से अवगत कराया है। मुख्यमंत्री ने
किसानों की रिहाई के साथ-साथ अन्य मांगों को भी निस्तारण करने का आश्वासन
दिया है।

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