नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों
को बड़ी राहत दी। कोर्ट ने निजी चीनी मिल मालिकों को तीन महीने के भीतर
गन्ना किसानों के सारे बकाये के भुगतान का निर्देश दिया है।
शीर्ष न्यायालय ने आज एक याचिका पर सुनवाई करते हुए निजी मिल मालिकों
को पेराई सत्र 2008-09 एवं 2010-11 के किसानों के सारे बकाये तीन महीने के
भीतर भुगतान करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मिल मालिकों से किसानों को
पहली किस्त 7 मई तक, दूसरी किस्त 7 जून और तीसरी किस्त 7 जुलाई तक भुगतान
करने को कहा है।
पीठ ने फैसले में याचिकाकर्ता की इस दलील को जायज ठहराया कि किसानों का
राज्य सरकार और चीनी मिलों के विवाद से कोई लेना-देना नहीं है। किसानों को
गन्ने की कीमत समय पर मिलनी चाहिए।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने इस वर्ष 17 जनवरी निजी चीनी मिलों को
पेराई सत्र 2006-07 और 2007-08 का बकाया भुगतान तीन माह में करने के आदेश
दिए थे। दोनों सत्रों की बकाया गन्ना मूल्य राशि 1017.36 करोड़ रुपये थी
जिसका भुगतान किसानों को लगभग कर दिया गया है। सहकारी क्षेत्र की मिलों पर
161 करोड़ रुपये बकाया भुगतान करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट पिछले वर्ष नवंबर
में ही दे दिया था।