हिसार .फतेहाबाद.
एक तरफ तो सरकार बीपीएल परिवारों के उत्थान पर खूब जोर दे रही है। इनके
हित के लिए प्रत्येक क्षेत्र में रियायत दी जा रही है। इसके अलावा सरकार ने
कई तरह की योजनाएं भी चला रखी हैं। इन सबके बावजूद सरकार इस वर्ग के लोगों
के साथ भद्दा मजाक कर रही है।
सरकार ने इस वर्ग के मुखिया की मौत की कीमत सिर्फ 10 हजार रुपये आंकी है।
सरकार ने बीपीएल परिवारों के लिए राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना शुरू कर रखी
है। इस योजना के तहत बीपीएल परिवार मुखिया की यदि अप्राकृतिक मौत हो जाती
है तो उसकी विधवा को 10 हजार रुपये दिए जाते हैं।
इससे सरकार की नीयत पर सवाल उठने लाजिमी है। एक गरीब परिवार की गाड़ी चलाने
वाला ही गुजर जाए तो मदद के नाम पर सरकार सिर्फ 10 हजार रुपये दे रही है,
जो पीड़ित परिवार के लिए खास मायने नहीं रखते। ऐसा नहीं है कि सरकार इस
योजना का लाभ बड़ी आसानी से दे रही है। इसके लिए भी कुछ शर्तें ऐसी हैं,
जिन्हें पूरा करते-करते पीड़ितों की परेशानियां और बढ़ जाती हैं या फिर वे
लाभ लेने से ही वंचित रह जाते हैं।
शायद राशि बढ़ा दी है: ढिल्लों
जिला समाज कल्याण अधिकारी जितेंद्र ढिल्लों का कहना है कि यह योजना बीपीएल
परिवारों के हित में है। शायद सरकार ने सहायता राशि 10 हजार रुपये से
बढ़ाकर 20 हजार रुपये कर दी है। इस बारे लिखित में पत्र तो नहीं आया है।
सरकार के फैसले के अनुसार पत्र जल्द मिलने की उम्मीद है।
शर्तो की बंदिशें
सरकार यह योजना जिला समाज कल्याण विभाग के माध्यम से चला रही है। इस योजना
के मुताबिक यदि परिवार के मुखिया की किसी हादसे में असामान्य मौत हो जाए तो
उसकी पत्नी को 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। यह राशि सिर्फ
मृतक की पत्नी को ही दी जाएगी। उसके बच्चों या अन्य आश्रितों को यह सहायता
राशि नहीं दी जाएगी। परिवार के लिए काम करने वाले अन्य किसी शख्स की मौत हो
जाए तो उन्हें यह सहायता राशि नहीं दी जाएगी।
एक तरफ तो सरकार बीपीएल परिवारों के उत्थान पर खूब जोर दे रही है। इनके
हित के लिए प्रत्येक क्षेत्र में रियायत दी जा रही है। इसके अलावा सरकार ने
कई तरह की योजनाएं भी चला रखी हैं। इन सबके बावजूद सरकार इस वर्ग के लोगों
के साथ भद्दा मजाक कर रही है।
सरकार ने इस वर्ग के मुखिया की मौत की कीमत सिर्फ 10 हजार रुपये आंकी है।
सरकार ने बीपीएल परिवारों के लिए राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना शुरू कर रखी
है। इस योजना के तहत बीपीएल परिवार मुखिया की यदि अप्राकृतिक मौत हो जाती
है तो उसकी विधवा को 10 हजार रुपये दिए जाते हैं।
इससे सरकार की नीयत पर सवाल उठने लाजिमी है। एक गरीब परिवार की गाड़ी चलाने
वाला ही गुजर जाए तो मदद के नाम पर सरकार सिर्फ 10 हजार रुपये दे रही है,
जो पीड़ित परिवार के लिए खास मायने नहीं रखते। ऐसा नहीं है कि सरकार इस
योजना का लाभ बड़ी आसानी से दे रही है। इसके लिए भी कुछ शर्तें ऐसी हैं,
जिन्हें पूरा करते-करते पीड़ितों की परेशानियां और बढ़ जाती हैं या फिर वे
लाभ लेने से ही वंचित रह जाते हैं।
शायद राशि बढ़ा दी है: ढिल्लों
जिला समाज कल्याण अधिकारी जितेंद्र ढिल्लों का कहना है कि यह योजना बीपीएल
परिवारों के हित में है। शायद सरकार ने सहायता राशि 10 हजार रुपये से
बढ़ाकर 20 हजार रुपये कर दी है। इस बारे लिखित में पत्र तो नहीं आया है।
सरकार के फैसले के अनुसार पत्र जल्द मिलने की उम्मीद है।
शर्तो की बंदिशें
सरकार यह योजना जिला समाज कल्याण विभाग के माध्यम से चला रही है। इस योजना
के मुताबिक यदि परिवार के मुखिया की किसी हादसे में असामान्य मौत हो जाए तो
उसकी पत्नी को 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। यह राशि सिर्फ
मृतक की पत्नी को ही दी जाएगी। उसके बच्चों या अन्य आश्रितों को यह सहायता
राशि नहीं दी जाएगी। परिवार के लिए काम करने वाले अन्य किसी शख्स की मौत हो
जाए तो उन्हें यह सहायता राशि नहीं दी जाएगी।