वर्ष 2012-13 के बजट में वित्तमंत्री ने मोबाइल आधारित फर्टिलाइजर सब्सिडी योजना को लागू करने का प्रस्ताव किया है। इसके तहत डीलरों के जरिए किसानों तक उर्वरक सब्सिडी पहुंचायी जाएगी। किसानों को पहली किश्त के रूप में 85 फीसदी सब्सिडी मिलेगी जबकि शेष 15 फीसदी सब्सिडी सर्वे कराने के बाद देने की योजना बनाई गई है।
उर्वरक राज्यमंत्री श्रीकांत जेना के मुताबिक किसानों को सीधे सब्सिडी देने की योजना आगामी खरीफ सीजन में शुरू हो सकती है। मंत्रालय के स्तर पर योजना को क्रियान्वित करने का खाका तैयार कर लिया गया है। इस योजना के क्रियान्वयन में डीलरों की भूमिका अहम है। कंपनियों को अपने डीलरों की लिस्ट जल्द सरकार को सौंपने को कहा गया है। डीलरों के जरिए किसानों को उर्वरक सब्सिडी देने से सरकार पर सब्सिडी का बोझ काफी हद तक कम हो जाएगा।
हालांकि सरकार की इस योजना से किसान पूरी तरह से सहमत नहीं है। किसानों को कहना है कि इस योजना में किसानों को फिक्स सब्सिडी ही मिलेगी। यानी खेत का साइज तय करके ही किसानों को सब्सिडी दी जाएगी। ऐसे में जिनके पास बड़े खेत हैं उन्हें सब्सिडी का लाभ सीमित ही मिलेगा। किसान नेता सुधीर पवार का कहना है कि नई योजना के तहत किसानों को पहले बाजार दर पर खाद खरीदनी पड़ेगी। इससे उन छोटे किसानों का क्या होगा जिनके पास बीज के लिए भी पैसा नहीं होता है। ऐसे में ऊंची दरों पर पर्याप्त खाद खरीदना उनके बस में नहीं है।
कृषि मंत्रालय भी किसानों को सीधे सब्सिडी देने की इस योजना से पूरी तरह से सहमत नहीं है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अभी किसान अपनी जरूरत के मुताबिक दामों पर खाद खरीदकर काम चला लेते हैं। लेकिन नई योजना के तहत सरकार एक निश्चित रकम ही बतौर सब्सिडी देगी। इससे छोटे व गरीब किसान फसल की जरूरत के मुताबिक खाद का प्रयोग नहीं कर पाएंगे। इसका असर फसलों पर पड़ सकता है।