जोधपुर.संक्रमित
ग्लूकोज चढ़ाने से शहर के उम्मेद अस्पताल में एक साल पहले हुई 16
प्रसूताओं की मौत का मामला इस बार भी विधानसभा के बजट सत्र में उठेगा।
पिछली बार इस मामले पर विधानसभा में हंगामा हुआ था, जबकि इस बार जांच
रिपोर्टो में सभी आरोपियों को निदरेष साबित करने पर सरकार से जवाब मांगा
जाएगा। सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास ने सरकार की नीयत पर सवाल खड़े
करते हुए कहा कि एसीबी की क्लीन चिट से लगता है कि आरोपियों को बचाने के
लिए सरकार ने अलग-अलग एजेंसियों से जांच कराई थी।सूरसागर विधायक विधानसभा
में सरकार को घेरने की तैयारी कर रही हैं।
सूरसागर विधायक ने आरोप लगाया है कि सरकार प्रसूताओं के साथ मजाक कर रही
है, उसे महिलाओं का दर्द समझ नहीं आ रहा है। प्रसूताओं की मौत पर बवाल मचने
पर सरकार ने पुलिस, प्रशासन और एसीबी से अलग-अलग जांच कराई। पुलिस ने
संक्रमित ग्लूकोज की सप्लाई देने वालों को ही दोषी बताया और
चिकित्साकर्मियों को बचा लिया। प्रशासन ने ग्लूकोज की खरीद में गड़बड़ी
मानी, मगर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश नहीं की। एसीबी ने तो पीई
और मुकदमों की जांच में तो खरीद में गड़बड़ी मानी, बाद में आरोपियों को
क्लीन चिट देकर एफआर लगा दी। इससे साफ है कि तीनों जांच रिपोर्ट में असली
दोषियों को बचाया गया है।
विधायक सूर्यकांता ने सवाल उठाया है कि ग्लूकोज संक्रमित था तो उसे किसी ने
देखा क्यों नहीं? नर्सेज, डॉक्टर व अधीक्षकों ने संक्रमित ग्लूकोज चढ़ाया
कैसे? सरकार ने खरीद में गड़बड़ी मान कर डॉक्टर-स्टोर कीपर को निलंबित किया
तो अब उन्हें क्यों बचाया जा रहा है? सरकार ने प्रसूताओं की मौत की कीमत
लगा कर सिर्फ संक्रमित ग्लूकोज को जिम्मेदार माना, जबकि अस्पताल प्रशासन के
खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इससे सरकार का चेहरा बेनकाब हो गया है। वे इस
मामले को बजट सत्र में उठाएंगी और सभी महिला विधायकों को साथ लेकर
प्रसूताओं के दर्द से सरकार को अवगत कराया जाएगा।
प्रसूताओं की मौत पर यूं ‘रोया’ था पिछला बजट सत्र
वसुंधरा राजे : प्रतिपक्ष नेता ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठने पर
मुख्यमंत्री से जवाब मांगा था। मुख्यमंत्री ने जवाब नहीं दिया तो विपक्ष ने
हंगामा करते हुए दो बार वाक-आउट किया था।
सूर्यकांता व्यास : सूरसागर विधायक तो बजट सत्र में रोने लगी थीं। उन्होंने
कहा था कि जोधपुर में प्रसूताएं मर रही हैं और सरकार चुप है। हर बार जांच
कमेटियां बनती हैं, मगर उनका नतीजा नहीं आता।
कैलाश भंसाली : जोधपुर शहर विधायक ने कहा था कि प्रसूताओं की मौत से जोधपुर
पूरे देश में शर्मिदा हो गया है। मौत संक्रमित ग्लूकोज से हुई हो अथवा
डॉक्टरों की लापरवाही से, सरकार गंभीर नहीं है।
ग्लूकोज चढ़ाने से शहर के उम्मेद अस्पताल में एक साल पहले हुई 16
प्रसूताओं की मौत का मामला इस बार भी विधानसभा के बजट सत्र में उठेगा।
पिछली बार इस मामले पर विधानसभा में हंगामा हुआ था, जबकि इस बार जांच
रिपोर्टो में सभी आरोपियों को निदरेष साबित करने पर सरकार से जवाब मांगा
जाएगा। सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास ने सरकार की नीयत पर सवाल खड़े
करते हुए कहा कि एसीबी की क्लीन चिट से लगता है कि आरोपियों को बचाने के
लिए सरकार ने अलग-अलग एजेंसियों से जांच कराई थी।सूरसागर विधायक विधानसभा
में सरकार को घेरने की तैयारी कर रही हैं।
सूरसागर विधायक ने आरोप लगाया है कि सरकार प्रसूताओं के साथ मजाक कर रही
है, उसे महिलाओं का दर्द समझ नहीं आ रहा है। प्रसूताओं की मौत पर बवाल मचने
पर सरकार ने पुलिस, प्रशासन और एसीबी से अलग-अलग जांच कराई। पुलिस ने
संक्रमित ग्लूकोज की सप्लाई देने वालों को ही दोषी बताया और
चिकित्साकर्मियों को बचा लिया। प्रशासन ने ग्लूकोज की खरीद में गड़बड़ी
मानी, मगर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश नहीं की। एसीबी ने तो पीई
और मुकदमों की जांच में तो खरीद में गड़बड़ी मानी, बाद में आरोपियों को
क्लीन चिट देकर एफआर लगा दी। इससे साफ है कि तीनों जांच रिपोर्ट में असली
दोषियों को बचाया गया है।
विधायक सूर्यकांता ने सवाल उठाया है कि ग्लूकोज संक्रमित था तो उसे किसी ने
देखा क्यों नहीं? नर्सेज, डॉक्टर व अधीक्षकों ने संक्रमित ग्लूकोज चढ़ाया
कैसे? सरकार ने खरीद में गड़बड़ी मान कर डॉक्टर-स्टोर कीपर को निलंबित किया
तो अब उन्हें क्यों बचाया जा रहा है? सरकार ने प्रसूताओं की मौत की कीमत
लगा कर सिर्फ संक्रमित ग्लूकोज को जिम्मेदार माना, जबकि अस्पताल प्रशासन के
खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इससे सरकार का चेहरा बेनकाब हो गया है। वे इस
मामले को बजट सत्र में उठाएंगी और सभी महिला विधायकों को साथ लेकर
प्रसूताओं के दर्द से सरकार को अवगत कराया जाएगा।
प्रसूताओं की मौत पर यूं ‘रोया’ था पिछला बजट सत्र
वसुंधरा राजे : प्रतिपक्ष नेता ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठने पर
मुख्यमंत्री से जवाब मांगा था। मुख्यमंत्री ने जवाब नहीं दिया तो विपक्ष ने
हंगामा करते हुए दो बार वाक-आउट किया था।
सूर्यकांता व्यास : सूरसागर विधायक तो बजट सत्र में रोने लगी थीं। उन्होंने
कहा था कि जोधपुर में प्रसूताएं मर रही हैं और सरकार चुप है। हर बार जांच
कमेटियां बनती हैं, मगर उनका नतीजा नहीं आता।
कैलाश भंसाली : जोधपुर शहर विधायक ने कहा था कि प्रसूताओं की मौत से जोधपुर
पूरे देश में शर्मिदा हो गया है। मौत संक्रमित ग्लूकोज से हुई हो अथवा
डॉक्टरों की लापरवाही से, सरकार गंभीर नहीं है।