शेखपुरा : प्याज की खेती के लिए मजदूरों की कमी से जूझ रहे किसानों को
जल्द ही राहत मिल जायेगी. एकसारी गांव निवासी शशिभूषण ने एक ऐसे हल की
ईजाद की है, जो प्याज की खेती के लिए क्यारी बनाने में किसानों को राहत
पहुंचा रहा है.
लंबी अवधि और ज्यादा मजदूरी भुगतान कर क्यारी बनवाने को विवश किसान इस
नये हल का लाभ उठा कर सस्ते दर पर कम समय में क्यारी तैयार कर सकते हैं.
घंटों का काम मिनटों में
किसानों की मानें, तो प्याज फसल बोने के लिए किसानों को एक एकड़ खेत में
क्यारी बनाने में चार मजदूरों को पांच दिन का समय लगता था. एक एकड़ क्यारी
बनाने में लगभग तीन से चार हजार की लागत आती है, परंतु ट्रैक्टर से संचालित
इस नये हल से मात्र दो घंटे में एक एकड़ क्यारी का निर्माण कर लिया जाता
है.
प्याज की खेती के लिए गढ़ माने जानेवाले शेखपुरा में शशिभूषण के इस खोज
को किसान बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं. शशिभूषण बताते हैं कि ट्रैक्टर हल से
संचालित कल्टी हल से प्रेरणा लेकर निर्माण किया है.
ट्रैक्टर से संचालित इस नये हल का उपयोग प्याज के साथ-साथ आलू की खेती
के लिए भी कारगर साबित होगा. शशिभूषण ने बताया कि इस हल के निर्माण में
पुराने हल में सेटिंग करने के लिए मात्र दो हजार रुपये की लागत लगती है.
बढ़ रही मांग
प्याज की खेती के लिए मजदूरों की जटिल समस्या से परेशान शशिभूषण ने
वैकल्पिक रास्ते के लिए संकल्प लिया. काफी मंथन के बाद एक नक्शे को तैयार
कर नतीजे पर पहुंचे. तोड़-जोड़ के बाद सोमवार के दिन शशि की मेहनत रंग
लायी. शशि के पास जरतमंद कृषकों के काफी फोन आ रहे हैं.
मिलेंगे डीएम से
क्यारी निर्माण के लिए नयी खोज करनेवाले शशिभूषण अपने द्वारा बनाये गये हल
को लेकर जिलाधिकारी वीरेंद्र प्रसाद यादव से मिल कर इससे अवगत करायेंगे.
नये खोज के विस्तार के साथ इस पर अनुदान का भी प्रस्ताव रखेंगे.