सिर्फ 12वीं पास, रात को कंपाउंडर दिन में ‘डाक्टर’

शहजादपुर.
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव अंधेरी के एक घर में छापा मारकर गर्भपात
में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां और इंजेक्शन बरामद किए। पुरुषोत्तम नाम का
व्यक्ति अपने घर में क्लीनिक चला रहा था जबकि उसके पास न लाइसेंस है और न
योग्यता। पुरषोत्तम रात में नारायणगढ़ के संजय अस्पताल में कंपाउंडर की
नौकरी भी करता है और दिन में डाक्टर बन घर में मरीजों को देखता था।






शहजादपुर के एसएमओ डा. तरुण प्रसाद के नेतृत्व में डा. सारिका व डा. विनोद
की टीम ने रविवार करीब तीन बजे पुरुषोत्तम के घर पर छापा मारा। घर में
सरकारी एसएमएम की सीरिंज, नींद लाने के लिए इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन
डायजापाम, गर्भपात करने की मिसोप्रोस्ट की गोलियां, गर्भ की जांच करने वाली
स्टिक, टीके लगाकर इस्तेमाल की गई सीरिंज और अन्य दवाइयां मिली हैं।






ऐसे दवाइयां डिग्री प्राप्त डाक्टर ही प्रेस्क्राइब कर सकता है। टीम ने जब
पुरुषोत्तम से पूछा कि ये दवाइयां घर में क्यों रखी गई हैं? तो वह कोई जवाब
नहीं दे पाया। डाक्टर प्रसाद का कहना है कि प्रारंभिक जांच में सामने आया
है कि पुरुषोत्तम व उसकी पत्नी गांव में अवैध रूप से गर्भपात करते थे और
मोटी रकम वसूलते थे। छापेमारी में कुछ एक्सपायरी दवाइयां भी मौके पर पाई गई
हैं। डायजापाम का इंजेक्शन मिलने पर पुरुषोत्तम ने बताया कि एक बच्चे को
दौरे पड़ते हैं उसे अक्सर यह टीका लगाया जाता है।






12वीं तक पढ़ा पुरुषोत्तम निजी अस्पताल का कंपाउंडर है, दिन में चलाता था क्लिनिक






पुरुषोत्तम लाल ने माना कि वो सिर्फ 12वीं तक पढ़ा है। उसके पास कोई मेडिकल
की कोई डिग्री नहीं है। वह रात के समय नारायणगढ़ स्थित संजय अस्पताल में
कंपाउंडर की नौकरी करता है व दिन में गांव में मरीज देखता है। पहले उसने
गांव नगांवा में ‘क्लीनिक’ खोल रहा था, उसके बाद एक साल से घर में ही यह
काम शुरू कर दिया। कुल मिलाकर यह ‘डाक्टरी’ वो तीन साल से कर रहा है।






पुरुषोत्तम के पास मेडिकल की कोई डिग्री नहीं मिली है। यहां काफी दवाइयां
ऐसी मिली हैं जिनका इस्तेमाल मान्यता प्राप्त डाक्टर ही कर सकता है।
रिपोर्ट तैयार कर आगामी कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को भेज दी जाएगी।






– डा. तरुण प्रसाद, एसएमओ शहजादपुर






मेडिकल स्टोर भी शक के दायरे में






पुरुषोत्तम के घर में जो दवाइयां मिली हैं उससे केमिस्टों की भूमिका भी/> सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि जो दवाइयां व इंजेक्शन बरामद की गई हैं वह
किसी सरकारी डाक्टर या एमबीबीएस द्वारा मरीज के नाम की बनाई गई पर्ची पर ही
दिए जा सकते हैं। पुरुषोत्तम दवाइयां कहां से लाया? यह जांच के बाद ही पता
चल पाएगा। क्षेत्र में ऐसे कई मेडिकल हैं जो किराए का लाइसेंस लेकर नशे की
दवाइयां तक बेच रहे हैं।

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