मुंबई.
भ्रष्टाचार निरोधक विभाग की छापेमारी में घूस लेते रंगे हाथ पकड़े गए
आरोपियों के 2173 मामले पिछले 26 वर्षो से विशेष न्यायालय में विचाराधीन
पड़े हैं। इनमें औरंगाबाद के 235 और नांदेड़ के 143 मामले शामिल हैं।
नागपुर 394 और अमरावती के 276 ऐसे मामले शामिल हैं, जिन पर अब तक कोई फैसला
नहीं हो सका है। 1986 से 2011 के बीच पूरे राज्य से विशेष अदालत को भेजे
गए 2173 मामलों पर फैसला नहीं हो सका है।
इनमें सर्वाधिक मामले नागपुर के हैं। नाशिक 341 लंबित मामलों के साथ दूसरे
स्थान पर है। मुंबई के 192, ठाणे-259, पुणे-333 और नांदेड़ के 143 मामले
शामिल हैं। विभाग ने 2000 से 2011 के बीच क्लास 1 रैंक के 44 मामले सरकार
के पास खुली जांच के लिए भेजे थे। पर खुली जांच के मामले भी प्रतीक्षा सूची
में रखे गए हैं।
भ्रष्टाचार निरोधक विभाग की छापेमारी में घूस लेते रंगे हाथ पकड़े गए
आरोपियों के 2173 मामले पिछले 26 वर्षो से विशेष न्यायालय में विचाराधीन
पड़े हैं। इनमें औरंगाबाद के 235 और नांदेड़ के 143 मामले शामिल हैं।
नागपुर 394 और अमरावती के 276 ऐसे मामले शामिल हैं, जिन पर अब तक कोई फैसला
नहीं हो सका है। 1986 से 2011 के बीच पूरे राज्य से विशेष अदालत को भेजे
गए 2173 मामलों पर फैसला नहीं हो सका है।
इनमें सर्वाधिक मामले नागपुर के हैं। नाशिक 341 लंबित मामलों के साथ दूसरे
स्थान पर है। मुंबई के 192, ठाणे-259, पुणे-333 और नांदेड़ के 143 मामले
शामिल हैं। विभाग ने 2000 से 2011 के बीच क्लास 1 रैंक के 44 मामले सरकार
के पास खुली जांच के लिए भेजे थे। पर खुली जांच के मामले भी प्रतीक्षा सूची
में रखे गए हैं।