होगा. साथ ही राष्ट्रीय औसत से अनाज उत्पादन अधिक करने का लक्ष्य रखा गया
है. धान, गेहूं, दलहन, तिलहन और मक्का सहित सभी प्रकार के अनाज और सब्जी
उत्पादन में न सिर्फ आत्मनिर्भरता हासिल होगी, बल्कि निर्यात भी किया जा
सकेगा.
शुरू होंगी नयी योजनाएं
उत्पादकता बढ़ाने के लिए राज्य में कई योजनाएं चलायी जा रही हैं. कृषि
कैबिनेट की चौथी बैठक में मंजूरी के बाद कई नयी योजनाएं लागू की जायेंगी.
वर्तमान में धान का वार्षिक उत्पादन 55.90 लाख टन है.
2017 में इसे 93.63 लाख टन करने का लक्ष्य है. धान की राष्ट्रीय
उत्पादकता 22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जबकि बिहार में औसत उत्पादन 16
क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. गेहूं का उत्पादन वर्तमान में बिहार में 49.75
लाख टन है. 2017 तक उत्पादन 65.75 लाख टन करना है.
गेहूं की राष्ट्रीय उत्पादकता प्रति हेक्टेयर 28 क्विंटल है, जबकि बिहार
का औसत उत्पादन मात्र 23 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. हालांकि मक्का
उत्पादन में बिहार राष्ट्रीय औसत से अधिक है.
बिहार में मक्के की प्रति हेक्टेयर औसत उपज 28 क्विंटल है, जबकि
राष्ट्रीय औसत 24 क्विंटल है. सरकार ने लक्ष्य रखा है कि 2017 तक मक्का का
उत्पादन प्रति हेक्टेयर 42 क्विंटल किया जाये. दलहन का राष्ट्रीय उत्पादन
प्रति हेक्टेयर आठ क्विंटल है, जबकि बिहार का पांच क्विंटल. लक्ष्य है कि
दलहन उत्पादन प्रति हेक्टेयर कम से कम 10 क्विंटल हो.
बन रहा कृषि रोड मैप
सरकार का लक्ष्य है कि कृषि के विकास से ही राज्य का आर्थिक विकास किया
जाये. इसके लिए सरकार ने 18 विभागों को मिला कर कृषि कैबिनेट का गठन किया
है. कृषि कैबिनेट 2012 से 2017 तक के लिए पंचवर्षीय कृषि रोड मैप को अंतिम
रूप दे रहा है.
राज्य की सभी जमीनों का एक साथ सर्वे और चकबंदी करायी जानी है. सिंचाई
सुविधा बढ़ाने के लिए निजी नलकूल योजना शुरू की गयी है. सरकार का लक्ष्य है
कि 44.96 लाख हेक्टेयर में सिंचाई व्यवस्था किया जाये.
जलजमाव वाले 5.11 लाख हेक्टेयर जलजमाव वाले क्षेत्रों से जलनिकासी कर
खेती कराने का लक्ष्य है. कृषि के लिए अलग फीडर की व्यवस्था की जायेगी.
निजी के साथ ही डीजल नलकूप के लिए बिजली की सुविधा दी जायेगी.