रांची।
जिले के लगभग 620 प्राथमिक शिक्षक इन दिनों बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के
कार्य से काफी परेशान हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के निर्देश पर
प्रतिनियुक्त इन शिक्षकों को निर्वाचक डाटाबेस संधारित करने का निर्देश
दिया गया है।
इसके तहत इन्हें घर-घर जाकर फोटो मतदाता सूची में फोटो और प्रविष्टियों की
जांच करनी है। जिन मतदाताओं का फोटो नहीं है, उनका फोटो लेना है और सभी
मतदाताओं का मोबाइल नंबर लेकर दिए गए फॉर्मेट में भरना है, लेकिन इनके साथ
सबसे बड़ी समस्या यह आ रही है कि किसी भी मतदाता का पता दिए गए फॉर्मेट में
नहीं है।
25 जुलाई तक का लक्ष्य : सभी बीएलओ को 25 जुलाई तक काम पूरा कर रिपोर्ट अनुमंडल निर्वाचन कार्यालय में जमा करना है, जो इतने कम समय में संभव नहीं है।
शिक्षक सरकारी कर्मचारी होते हैं। सरकारी कर्मचारियों की डच्यूटी २४ घंटे की होती है। इसलिए शिक्षकों को यह काम करना चाहिए। ""
शेखर जमुआर, एसडीओ, रांची
शिक्षकों को बीएलओ के कार्य में लगा कर उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया
जा रहा है। इससे शिक्षक तो परेशान हैं ही बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो
रही है। क्योंकि एक साथ दो काम करना संभव नहीं है। ""
चितरंजन कुमार, प्रवक्ता,झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ
जिले के लगभग 620 प्राथमिक शिक्षक इन दिनों बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के
कार्य से काफी परेशान हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के निर्देश पर
प्रतिनियुक्त इन शिक्षकों को निर्वाचक डाटाबेस संधारित करने का निर्देश
दिया गया है।
इसके तहत इन्हें घर-घर जाकर फोटो मतदाता सूची में फोटो और प्रविष्टियों की
जांच करनी है। जिन मतदाताओं का फोटो नहीं है, उनका फोटो लेना है और सभी
मतदाताओं का मोबाइल नंबर लेकर दिए गए फॉर्मेट में भरना है, लेकिन इनके साथ
सबसे बड़ी समस्या यह आ रही है कि किसी भी मतदाता का पता दिए गए फॉर्मेट में
नहीं है।
25 जुलाई तक का लक्ष्य : सभी बीएलओ को 25 जुलाई तक काम पूरा कर रिपोर्ट अनुमंडल निर्वाचन कार्यालय में जमा करना है, जो इतने कम समय में संभव नहीं है।
शिक्षक सरकारी कर्मचारी होते हैं। सरकारी कर्मचारियों की डच्यूटी २४ घंटे की होती है। इसलिए शिक्षकों को यह काम करना चाहिए। ""
शेखर जमुआर, एसडीओ, रांची
शिक्षकों को बीएलओ के कार्य में लगा कर उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया
जा रहा है। इससे शिक्षक तो परेशान हैं ही बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो
रही है। क्योंकि एक साथ दो काम करना संभव नहीं है। ""
चितरंजन कुमार, प्रवक्ता,झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ