रोजगार छिनने के बाद सड़कों पर लंबे अरसे से संघर्षरत 426 शिक्षा आचार्यो
पर आखिरकार सरकार मेहरबान हो गई है। इन्हें शिक्षा मित्र के रूप में
स्कूलों में नियुक्ति का तोहफा दिया गया है। शिक्षा सचिव मनीषा पंवार ने
सोमवार को इस संबंध में शासनादेश जारी किया।
प्रदेश में लंबे अरसे से चल रहे शिक्षा गारंटी केंद्रों के बंद होने और
उन्हें अपग्रेड कर प्राइमरी स्कूल बनाने से सैकड़ों शिक्षा आचार्य बेरोजगार
हो चुके हैं। इनमें स्नातक योग्यताधारी 1107 शिक्षा आचार्यों में 770 को
वरिष्ठता के आधार पर शिक्षा मित्रों के तौर पर रोजगार के दरवाजे शिक्षा
महकमे ने खोल दिए। तकरीबन 426 शिक्षा आचार्य जो स्नातक योग्यता तो रखते
हैं, लेकिन शिक्षा मित्र बनने से वंचित रह गए। ये आचार्य लंबे अरसे से
अपग्रेड प्राइमरी स्कूलों में उन्हें खपाने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे
हुए हैं।
सरकार ने शिक्षा मित्रों के तौर पर नियुक्ति का तोहफा इनकी झोली में डाल
दिया। शिक्षा सचिव की ओर से जारी आदेश के मुताबिक 426 रिक्त पदों पर
आचार्यो को तैनात किया जाएगा। इन्हें समायोजित करने से पहले जिला शिक्षा
अधिकारी और सर्व शिक्षा अभियान जिला परियोजना अधिकारी को आचार्यो की शिक्षा
मित्रों के रूप में तैनाती की योग्यता और छात्र-शिक्षक अनुपात की जांच
करने को कहा गया है। दो आचार्य-अनुदेशक को दी जाने वाली नियुक्ति में सबसे
पहले वरीयता महिला को मिलेगी।