अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग ने यूपी सरकार को दिया नोटिस

लखनऊ।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग ने उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी वाई एस
सचान की पिछले 22 जून को लखनऊ जेल में हुई रहस्यमय मौत की जांच अभी तक
केन्द्रीय जांच ब्यूरो से कराने की संस्तुति नहीं करने को एक साजिश का
हिस्सा बताते हुए राज्य सरकार को आज नोटिस जारी किया।


आयोग के अध्यक्ष और बाराबंकी से कांग्रेस सांसद पी.एल.पुनिया ने आज
डिप्टी सीएमओ के परिजनों से मुलाकात के बाद यहां कहा कि डा0 सचान की हत्या
हुई है लेकिन राज्य सरकार उसे आत्महत्या साबित करने पर तुली हुई है। डा0
सचान के घर वाले. विपक्ष तथा अन्य लोग इस मामले की जांच सीबीआई से कराना
चाहते हैं लेकिन राज्य सरकार इससे पीछे हट रही है।


उन्होंने कहा कि 22 जून को महानिदेशक जेल ने डा0 सचान की मौत को
आत्महत्या बताया था। उसके दूसरे दिन मंत्रिमंडलीय सचिव शंशाक शेखर सिंह ने
भी इसे आत्महत्या करार दिया लेकिन पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से साबित है कि
डा0 सचान की हत्या हुई है।


मुख्यमंत्री मायावती के प्रमुख सचिव रह चुके श्री पुनिया ने कहा कि
पोस्टमार्टम की रिपोर्ट बताती है कि बेल्ट की चोट मौत के बाद की है।


बाकी चोट पहले की है। एक चोट आठ सेमी. गहरी है इससे लगता है कि डिप्टी सीएमओ को बुरी तरह प्रताडित करके मारा गया।


अनुसूचित जाति/जनजाति के आयोग अध्यक्ष ने कहा कि इतना हो जाने के बाद
राज्य सरकार ने आज तक डा0 सचान की आत्महत्या का मुकदमा हत्या में तब्दील
नहीं किया 1 इससे लगता है कि इसमें गंभीर साजिश है।


उन्होंने कहा कि 22 जून को डा0 सचान जेल के बाथरम में मरे पाये जाते हैं 1 इसके ठीक दूसरे दिन उन्हें अदालत में बयान देना था।


बयान के एक दिन पहले ही उनकी मौत क्यों हुई। उन्होंने कुछ दिन पहले ही
सुलतानपुर से यहां तैनात किये गये एक जेलर की भूमिका की भी जांच की मांग
की।


उनका कहना था कि जेलर की भूमिका संदिग्ध है।  वह छुट्टी पर था लेकिन जेल
रोज आता था। डिप्टी सीएमओ की मृत्यु के दिन वह गायब था 1 इसकी भूमिका की
जांच होनी चाहिए। डा0 सचान की मृत्यु में यह एक कडी हो सकता है। उन्होंने
कहा कि डा0 की मृत्यु भ्रष्टाचार के कारण हुई है। यदि उनका बयान अदालत में
हो जाता तो कई बडे लोग नप सकते थे इसीलिए उन्हें रास्ते से हटाया गया।


श्री पुनिया ने कहा कि इतने सारे तथ्य होने के बावजूद राज्य सरकार ने
अभी तक सीबीआई से इस मामले की जांच कराने की संस्तुति नहीं की है। आयोग ने
इसे स्वतः संज्ञान लिया और राज्य सरकार को नोटिस भेजकर यह जानना चाहा है कि
क्या कारण है अभी तक सीबीआई जांच के लिए संस्तुति नहीं की गयी है।

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