भुवनेश्वर।
ओडिशा सरकार ने स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए मंगलवार को राज्य के
जगतसिंहपुर जिले में 12 अरब डॉलर की पॉस्को परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण
का काम स्थगित कर दिया है। जिलाधिकार एस. के. चौधरी ने आईएएनएस से कहा,
"सरकार से निर्देश मिलने के बाद हमने इसे अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया है।
हम इस मामले में अगले निर्देश का इंतजार करेंगे।"
उन्होंने कहा कि पहले अधिग्रहित की जा चुकी जमीन पर काम जारी रहेगा।
स्थानीय प्रशासन का दावा है कि परियोजना के लिए उसने जिले में 4004 एकड़
जमीन का अधिग्रहण कर लिया है लेकिन वह धिंकिया और गोविंदपुर गांव में
प्रवेश नहीं कर पा रहा है। इन दोनों गांवों में जमीन अधिग्रहण का जबर्दस्त
विरोध हो रहा है।
क्षेत्र में अधिकारियों के प्रवेश को रोकने के लिए महिलाओं और बच्चों सहित
सैकड़ों लोगों ने पिछले एक सप्ताह से मानव श्रृंखला बना रखी है। चौधरी ने
कहा कि प्रशासन शीघ्र ही ग्रामीणों के खिलाफ बच्चों का ‘दुरुपयोग’ करने को
लेकर कार्रवाई करेगा। क्षेत्र के 400 से अधिक बच्चे स्कूल छोड़कर विरोध
प्रदर्शन में अपने माता-पिता के साथ शामिल हो गए हैं।
दक्षिण कोरियाई कम्पनी पॉस्को 12 अरब डॉलर के निवेश से यहां पर एक इस्पात
परियोजना लगाने वाली है। यह निवेश देश में अब तक का सबसे बड़ा निवेश है।
परियोजना के लिए आवश्यक कुल जमीन में से 2,900 एकड़ जमीन वन क्षेत्र की है।
प्रशासन का कहना है कि ग्रामीणों ने वन क्षेत्र की जमीन पर अवैध अतिक्रमण
किया है और उन्हें इसे खाली करना चाहिए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वह
इस जमीन पर पीढ़ियों से रह रहे हैं। उनका कहना है कि उनकी जमीन छिनने पर वह
अपनी जीविका खो देंगे।
ओडिशा सरकार ने स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए मंगलवार को राज्य के
जगतसिंहपुर जिले में 12 अरब डॉलर की पॉस्को परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण
का काम स्थगित कर दिया है। जिलाधिकार एस. के. चौधरी ने आईएएनएस से कहा,
"सरकार से निर्देश मिलने के बाद हमने इसे अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया है।
हम इस मामले में अगले निर्देश का इंतजार करेंगे।"
उन्होंने कहा कि पहले अधिग्रहित की जा चुकी जमीन पर काम जारी रहेगा।
स्थानीय प्रशासन का दावा है कि परियोजना के लिए उसने जिले में 4004 एकड़
जमीन का अधिग्रहण कर लिया है लेकिन वह धिंकिया और गोविंदपुर गांव में
प्रवेश नहीं कर पा रहा है। इन दोनों गांवों में जमीन अधिग्रहण का जबर्दस्त
विरोध हो रहा है।
क्षेत्र में अधिकारियों के प्रवेश को रोकने के लिए महिलाओं और बच्चों सहित
सैकड़ों लोगों ने पिछले एक सप्ताह से मानव श्रृंखला बना रखी है। चौधरी ने
कहा कि प्रशासन शीघ्र ही ग्रामीणों के खिलाफ बच्चों का ‘दुरुपयोग’ करने को
लेकर कार्रवाई करेगा। क्षेत्र के 400 से अधिक बच्चे स्कूल छोड़कर विरोध
प्रदर्शन में अपने माता-पिता के साथ शामिल हो गए हैं।
दक्षिण कोरियाई कम्पनी पॉस्को 12 अरब डॉलर के निवेश से यहां पर एक इस्पात
परियोजना लगाने वाली है। यह निवेश देश में अब तक का सबसे बड़ा निवेश है।
परियोजना के लिए आवश्यक कुल जमीन में से 2,900 एकड़ जमीन वन क्षेत्र की है।
प्रशासन का कहना है कि ग्रामीणों ने वन क्षेत्र की जमीन पर अवैध अतिक्रमण
किया है और उन्हें इसे खाली करना चाहिए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वह
इस जमीन पर पीढ़ियों से रह रहे हैं। उनका कहना है कि उनकी जमीन छिनने पर वह
अपनी जीविका खो देंगे।