करनाल. भले
ही केंद्र सरकार गेहूं पर बोनस की घोषणा दो माह पहले कर चुकी हो, लेकिन
अभी भी प्रदेश के किसानों की 2.10 अरब रुपए की बोनस राशि अटकी हुई है।
किसान आढ़तियों के पास चक्कर काट—काटकर परेशान हो रहे हैं। उन्हें पैसे का
भुगतान तो क्या, आढ़ती यह तक नहीं बता पा रहे हैं कि पैसा कब तक आएगा।
यहां
बता दें कि प्रदेश में इस बार 25.12 लाख हेक्टेयर एरिया में गेहूं की
बिजाई हुई थी। इससे प्रदेश की मंडियों में 68.85 लाख मीट्रिक टन गेहूं की
आवक हुई। गेहूं खरीद का कार्य एक अप्रैल से शुरू हुआ था, जबकि किसानों के
लिए बोनस की घोषणा 25 अप्रैल को की गई। इसके बाद मंडियों में जो गेहूं आया
उसकी बोनस राशि दी जा चुकी है। जबकि इससे पहले प्रदेश की अनाज मंडियों में
42.14 लाख मीट्रिक टन गेहूं आ चुका था और इस गेहूं की बोनस राशि अभी तक
किसानों को नहीं मिल पाई है। संबंधित विभाग के अधिकारियों के अनुसार यह
राशि करीब 2.10 अरब रुपए बनती है।
आढ़ती दोषी : सीएम
करनाल. यहां
की अनाज मंडी में सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किसानों के
सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि
किसानों को अभी तक बोनस न मिलने के लिए आढ़ती दोषी हैं। उन्होंने सरकार के
पास किसानों के गेहूं के बिल नहीं पहुंचाए है, जिस कारण बोनस की अदायगी में
देरी हो रही है।
प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है कि
वे फाइलों को प्राथमिकता के साथ निपटाएं, ताकि किसान परेशान न हों। किसान
अपने फार्म तैयार कराकर जल्दी से जमा करा दें ताकि बोनस की राशि शीघ्रता से
मिल सके। कांफ्रेंसिंग में पानीपत, सोनीपत, करनाल और कुरुक्षेत्र के
सैकड़ों किसान उपस्थित थे।
आढ़तियों को आदेश दिए गए हैं कि वे तीन दिन के अंदर कागजी कार्रवाई पूरी कर दें ताकि किसानों को जल्द से जल्द बोनस की राशि मिल सके।
रवींद्र मलिक, डीएफएससी, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग
ही केंद्र सरकार गेहूं पर बोनस की घोषणा दो माह पहले कर चुकी हो, लेकिन
अभी भी प्रदेश के किसानों की 2.10 अरब रुपए की बोनस राशि अटकी हुई है।
किसान आढ़तियों के पास चक्कर काट—काटकर परेशान हो रहे हैं। उन्हें पैसे का
भुगतान तो क्या, आढ़ती यह तक नहीं बता पा रहे हैं कि पैसा कब तक आएगा।
यहां
बता दें कि प्रदेश में इस बार 25.12 लाख हेक्टेयर एरिया में गेहूं की
बिजाई हुई थी। इससे प्रदेश की मंडियों में 68.85 लाख मीट्रिक टन गेहूं की
आवक हुई। गेहूं खरीद का कार्य एक अप्रैल से शुरू हुआ था, जबकि किसानों के
लिए बोनस की घोषणा 25 अप्रैल को की गई। इसके बाद मंडियों में जो गेहूं आया
उसकी बोनस राशि दी जा चुकी है। जबकि इससे पहले प्रदेश की अनाज मंडियों में
42.14 लाख मीट्रिक टन गेहूं आ चुका था और इस गेहूं की बोनस राशि अभी तक
किसानों को नहीं मिल पाई है। संबंधित विभाग के अधिकारियों के अनुसार यह
राशि करीब 2.10 अरब रुपए बनती है।
आढ़ती दोषी : सीएम
करनाल. यहां
की अनाज मंडी में सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किसानों के
सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि
किसानों को अभी तक बोनस न मिलने के लिए आढ़ती दोषी हैं। उन्होंने सरकार के
पास किसानों के गेहूं के बिल नहीं पहुंचाए है, जिस कारण बोनस की अदायगी में
देरी हो रही है।
प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है कि
वे फाइलों को प्राथमिकता के साथ निपटाएं, ताकि किसान परेशान न हों। किसान
अपने फार्म तैयार कराकर जल्दी से जमा करा दें ताकि बोनस की राशि शीघ्रता से
मिल सके। कांफ्रेंसिंग में पानीपत, सोनीपत, करनाल और कुरुक्षेत्र के
सैकड़ों किसान उपस्थित थे।
आढ़तियों को आदेश दिए गए हैं कि वे तीन दिन के अंदर कागजी कार्रवाई पूरी कर दें ताकि किसानों को जल्द से जल्द बोनस की राशि मिल सके।
रवींद्र मलिक, डीएफएससी, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग