छपरा : सरकार आधी आबादी को समान अधिकार एवं उनकी सामाजिक पकड़ मजबूत
बनाने के लिए तरह-तरह का प्रोत्साहन देने वाली योजनाएं चला रही है. बावजूद
हमारे समाज में अभी भी कन्याओं के प्रति रवैया नकारात्मक है.
इसका ताजा उदाहरण भारत सरकार द्वारा करायी गयी. जनगणना 2011 के औपबंधिक
आंकड़े से सामने आया है. इन आंकड़ों के अनुसार पूर्व की जनगणना 2001 में
वर्ष 1991 से 2001 के बीच जिले में पुरुष एवं महिला का लिंगानुपात 966(एक
हजार पुरुषों 966 महिलाएं) था.
10 वर्षो बाद 2001 से 2011 के बीच यह अनुपात 949 हो गया. इससे यह साबित
होता है कि प्रति हजार पर 16 महिलाएं कम हुई हैं. यह मानव जाति एवं
शिक्षित समाज के लिए अशुभ संकेत है. जिले में औपबंधिक आंकड़ों के अनुसार 0
से 6 वर्ष के उम्र की बच्चों की संख्या में 16.67 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है,
कुल जनसंख्या की 16.67 फीसदी आंकी गयी है.
भूमि पर बढ़ रहा भार2641 वर्ग किलोमीटर में सारण जिले की जनसंख्या की
वृद्धि का प्रतिशत 1991-2001 में 26.2 फीसदी से घट कर 2001-2011 के बीच 21.
37 फीसदी हुआ है. यह दरसाता है कि जनसंख्या वृद्धि प्रतिशत में काफी कमी
आयी है. बावजूद इसके जिले की भूमि पर जनसंख्या का भार बढ़ रहा है.
जनगणना कार्यालय के औपबंधिक आंकड़ों के अनुसार 2001 की जनगणना में
प्रतिवर्ग किलोमीटर में 1230 व्यक्ति निवास करते थे, लेकिन 2011 की जनगणना
के अनुसार प्रतिवर्ग किलोमीटर 1493 व्यक्ति निवास करते हैं. ऐसी स्थिति में
भूमि पर 20 से 25 फीसदी आबादी का दबाव बढ़ा है
.कुल जनसंख्या-39,43,098पुरुष – 20,23,476महिला-19,19,622कुल साक्षरता
-22,52,914पुरुष साक्षरता- 13,40,226महिला साक्षरता- 9,12,618लड़कों की
संख्या- 3,42,07लड़कियों की संख्या- 3,15,256
राजीव रंजन