नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रात को अपने मंत्रिमंडल के
सहयोगियों के साथ बैठक की. उन्होंने इससे पहले योगगुरु बाबा रामदेव को
आगामी चार जून से आमरण अनशन करने के अपने आह्वान को वापस लेने के लिए मनाने
का प्रयास किया था. वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी, गृह मंत्री पी चिदंबरम और
मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने रामदेव के साथ हुई अपनी बातचीत
के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी. यह बैठक एक घंटे से अधिक समय तक
चली.
ऐसा समझा जाता है कि नेताओं ने योग गुरु के प्रस्तावों और इस स्थिति को
शांत करने के उपायों पर भी चर्चा की. कैबिनेट सचिव के एम चंद्रशेखर और
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव टीके ए नायर भी बैठक में मौजूद थे. इस बैठक
में सिंह को रामदेव के साथ हुई बातचीत के बारे में जानकारी दी गई. अन्ना
हजारे के आंदोलन के दौरान पैदा हुई स्थिति को दोबारा पैदा होने से रोकने की
सरकार की कोशिश फ़िलहाल रंग नहीं लाई है क्योंकि रामदेव ने विदेशों में
जमा काला धन को वापस लेने के मुद्दे पर आश्वासन की बजाय कार्रवाई पर जोर
दिया है.
सूत्रों ने कहा कि पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय योग गुरु को अपना अनशन
वापस लेने के लिए मनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. सहाय उन
मंत्रियों में शामिल थे जिन्होंने रामदेव से मुलाकात की.
अन्ना देंगे पूरा समर्थन
उधर अन्ना हजारे ने भी भ्रष्टाचार के खिलाफ़ आमरण अनशन पर जाने के योग
गुरु बाबा रामदेव के फ़ैसले का समर्थन किया. हजारे से पूछा गया कि काला धन
के मुद्दे पर भूख हड़ताल पर जाने के योग गुरु के फ़ैसले का क्या वह समर्थन
करते हैं, तो इसपर हजारे ने एक टेलीविजन चैनल से कहा, रामदेव को हमारा
पूर्ण समर्थन है.
हजारे पक्ष के लोगों ने की रामदेव से मुलाकात
लोकपाल मसौदा संयुक्त समिति में गांधीवादी अन्ना हजारे के पक्ष की ओर से
शामिल आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने भी रात में योगगुरु बाबा
रामदेव से मुलाकात की. रामदेव और हजारे पक्ष के बीच यह अहम मुलाकात योगगुरु
को मनाने के लिये सरकार द्वारा असाधारण कोशिशें करने के अहम घटनाक्रमों के
बाद हुई है.
रामदेव के साथ हुई बैठक में केजरीवाल के साथ ही किरण बेदी और ‘इंडिया
अगेन्स्ट करप्शन’ के मनीष सिसौदिया भी शामिल थे. बैठक के बाद सिसौदिया ने
कहा, बैठक अच्छी और सकारात्मक रही. इसमें हमने लोकपाल से जुड़े मुद्दों पर
अपने विचार योगगुरु को बताये. हमें उम्मीद है कि हमारे बताये बिंदुओं के
बाद रामदेव लोकपाल के बारे में अपना कोई नजरिया बनायेंगे.
यह पूछे जाने पर कि क्या हजारे पक्ष अनशन पर जाने के रामदेव के फ़ैसले का
समर्थन करता है, सिसौदिया ने कहा, हम पूरी तरह उनके साथ हैं और उनसे अलग
होने या उनसे मतभेद होने का कोई सवाल ही नहीं उठता.