पश्चिमी चंपारण. जिले
के बगहा स्थित चखनी रजवटिया पंचायत की मुसहर बस्ती में क्रांति की एक नहीं
मशाल जलाई गयी है. सुखद यह कि इस क्रांति का सूत्रपात महिलाओं ने किया है.
उन महिलाओं ने जो नहीं के बराबर पढ़ी-लिखी हैं. यहाँ की महिलाएं शराब और
शराब पीने वालों से तंग आ चुकी थीं. बस फिर क्या था, सबने शराब पर पाबंदी
लगाने की ठान ली. इसके बाद तो महिलाओं ने शराब पीकर ड्रामा करनेवालों को कई
बार सबक भी सिखाई.
कैसे हुई शुरूआत ?
सबसे पहले
बस्ती की महिलाओं ने अपने-अपने घरवाले को समझाया. कहा कि अगर शराब पीये तो
अच्छा नहीं होगा. इसके लिए महिलाओं ने शराब निषेध समिति का गठन किया. समिति
ने कड़े शब्दों में पुरुषों को सुनाया कि अगर कोई भी शराब पिता दिखा या
शराब का सेवन कर घर आया तो उसे जुर्माना देना होगा. सजा यहीं ख़त्म नहीं
होती. जुर्माना देने के बाद शराब पीने वाले को समाज से एक निश्चित अवधि के
लिए अलग भी कर दिया जाएगा. इसकी शुरुआत पहले महिलाओं ने अपने-अपने घरों से
की. इसके बाद समाज पर ध्यान देना शुरू किया.
जुर्माने की राशि से पीले होंगे बेटियों के हाथ
इस
क्रांति की एक बड़ी बात यह कि शराबियों से वसूले गए जुर्माने की राशि को
बेटियों की शादी में खर्च किया जायेगा. वैसी बेटियां जिनका परिवार बेहद
गरीबी व तंगहाली से गुज़र रहा होगा, पैसे उन्हें दिए जायेंगे. समिति की
महिला सदस्य फूलमती देवी बताती हैं कि एक समय था जब बस्ती में लोग सुबह से
लेकर रात तक शराब के नशे में चूर रहा करते थे. सारी कमाई शराब में चली जाती
थी. इस कारण घर में कलह आम बात हो गयी थी. शराब पीकर तो भयानक नौटंकी लोग
किया करते थे.
पूरा मोहल्ला शराबियों से तंग आ चुका था. कई बार तो शराब में सभी पैसे
चले जाने के कारण कई घरों में चूल्हे तक नहीं जल पाते थे. बच्चों को भूखे
पेट सोना पड़ता था. अब शराबियों से यहाँ 200 रुपये जुर्माना लिया जाने लगा
है. इसके बाद से शराब पीने वालों में जुर्माने का भय समा गया है. अब पहले
वाली बात नहीं रही है. स्थितियां तेज़ी से बदली हैं और स्थिति में सुधार आ
रहा है. लोग पहले से खुश नज़र आ रहे हैं.
अब यहाँ रोज़-रोज़ की किचकिच नहीं होती. जिले के एसपी अनिल कुमार सिंह
ने इन महिलाओं के इस पहल कीजमकर तारीफ़ करते हुए कहा है कि जो कोई भी इन
महिलाओं के इस नेक काम में अड़ंगा डालेगा, उसे कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी.