शिमला।
सरकार ने माना है कि 2100 पटवारियों के पास करने के लिए काम नहीं है।
अधिकांश पटवारी निठल्ले बैठे हैं। इसके पीछे तर्क यह दिया गया है कि गांव
में सड़कों का जाल बिछने से अब पटवारियों को पैदल नहीं चलना पड़ता।
विभाग का निचले स्तर तक कम्प्यूटरीकरण होने से जमाबंदी, ततीमा, मुसाबी के
अतिरिक्त सभी तरह के प्रमाण पत्र कम्प्यूटर से मिलते हैं। प्रदेश के बड़े
तीन बड़े जिलों कांगड़ा, शिमला और मंडी में किए गए सर्वेक्षण में यह तथ्य
सामने आए हैं। अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग के सर्वे में तहसील व उप तहसील
स्तर पर पटवारियों के काम का आकलन किया गया। सुझाव दिया गया है कि
पटवारियों को विभाग के दूसरे काम की जिम्मेदारी सौंपी जाए। रिपोर्ट मुख्य
सचिव के बाद सीएम को जाएगी। अर्थ व सांख्यिकी विभाग के सलाहकार प्रदीप
चौहान ने कहा कि पटवारियों सहित दूसरे वर्ग के कर्मचारियों का सर्वे करने
के सरकार ने आदेश दिए थे।
इस सर्वे में दो फैक्टर सामने आए हैं। एक रोड कनेक्टिविटी का विस्तार व
दूसरा कम्प्यूटरीकरण। विभाग ने सर्वे रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। प्रधान
सचिव राजस्व दीपक शानन ने माना कि कम्प्यूटरीकरण होने से पटवारियों का काम
कम हुआ है। पहले यह वर्ग ओवर बर्डन था, कम्प्यूटरीकरण से काम में दक्षता आई
है।
नया काम देने की वकालत
मुख्य सचिव के निर्देशानुसार इस साल जनवरी में इस तरह का सर्वेक्षण करने को
कहा गया था। राजस्व विभाग में पटवारियों, कानूनगो, नायब तहसीलदार व
तहसीलदारों के पास काम के बोझ को लेकर अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग ने किया।
सर्वे में पाया गया कि मौजूदा परिस्थितियों में इनके पास इतना काम नहीं है
कि सेवा नियमों को न्यायोचित ठहराया जा सके। 1991 के ऑफिस मैन्युअल के तहत
काम करने वाले राजस्व अधिकारियों को नए सिरे से काम देने की वकालत की गई
है। प्रदेश में 117 तहसीलों व उप तहसीलों में से 109 ऑन लाइन हो चुकी हैं।
सरकार ने माना है कि 2100 पटवारियों के पास करने के लिए काम नहीं है।
अधिकांश पटवारी निठल्ले बैठे हैं। इसके पीछे तर्क यह दिया गया है कि गांव
में सड़कों का जाल बिछने से अब पटवारियों को पैदल नहीं चलना पड़ता।
विभाग का निचले स्तर तक कम्प्यूटरीकरण होने से जमाबंदी, ततीमा, मुसाबी के
अतिरिक्त सभी तरह के प्रमाण पत्र कम्प्यूटर से मिलते हैं। प्रदेश के बड़े
तीन बड़े जिलों कांगड़ा, शिमला और मंडी में किए गए सर्वेक्षण में यह तथ्य
सामने आए हैं। अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग के सर्वे में तहसील व उप तहसील
स्तर पर पटवारियों के काम का आकलन किया गया। सुझाव दिया गया है कि
पटवारियों को विभाग के दूसरे काम की जिम्मेदारी सौंपी जाए। रिपोर्ट मुख्य
सचिव के बाद सीएम को जाएगी। अर्थ व सांख्यिकी विभाग के सलाहकार प्रदीप
चौहान ने कहा कि पटवारियों सहित दूसरे वर्ग के कर्मचारियों का सर्वे करने
के सरकार ने आदेश दिए थे।
इस सर्वे में दो फैक्टर सामने आए हैं। एक रोड कनेक्टिविटी का विस्तार व
दूसरा कम्प्यूटरीकरण। विभाग ने सर्वे रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। प्रधान
सचिव राजस्व दीपक शानन ने माना कि कम्प्यूटरीकरण होने से पटवारियों का काम
कम हुआ है। पहले यह वर्ग ओवर बर्डन था, कम्प्यूटरीकरण से काम में दक्षता आई
है।
नया काम देने की वकालत
मुख्य सचिव के निर्देशानुसार इस साल जनवरी में इस तरह का सर्वेक्षण करने को
कहा गया था। राजस्व विभाग में पटवारियों, कानूनगो, नायब तहसीलदार व
तहसीलदारों के पास काम के बोझ को लेकर अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग ने किया।
सर्वे में पाया गया कि मौजूदा परिस्थितियों में इनके पास इतना काम नहीं है
कि सेवा नियमों को न्यायोचित ठहराया जा सके। 1991 के ऑफिस मैन्युअल के तहत
काम करने वाले राजस्व अधिकारियों को नए सिरे से काम देने की वकालत की गई
है। प्रदेश में 117 तहसीलों व उप तहसीलों में से 109 ऑन लाइन हो चुकी हैं।