पेड़ मत काटो, रोप-वे और सुरंग की संभावना तलाशो

शिमला।
प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जहां कई स्वयंसेवी संगठन चिंतित है,
वहीं केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय इसमें किसी तरह की ढील देने को
तैयार नहीं है। रेणुका जी प्रोजेक्ट मामले में पहले ही केंद्रीय वन एवं
पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश 1.67 लाख पेड़ कटने को लेकर आपत्ति जता चुके
हैं और अब नए पावर प्रोजेक्टों में पेड़ काटने की बजाय सुरंग और रोप-वे
निर्माण पर अधिक ध्यान देने को कहा गया है।

प्रदेश सरकार ने केंद्रीय मंत्रालय के निर्देशों के बाद स्पष्ट किया है कि
पावर प्रोजेक्ट में कम से कम पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के प्रयास किए
जाएंगे। इस कड़ी के तहत सरकार ने एक नदी पर एक ही ट्रांसमिशन लाइन बिछाने
को कहा है। इसके लिए हाल ही में एडीबी की टीम दो बार प्रदेश का दौरा कर
चुकी है, मगर अभी तक ट्रांसमिशन लाइन बिछाने की लिए उसकी तरफ से 350 मिलियन
डॉलर का ऋण स्वीकार नहीं किया है। हालांकि टीम ने एक बार फिर दौरा करने की
बात कही है, जिससे ऋण मिलने की संभावना बनी हुई है।

आदेशों का होगा पालन
हिमाचल प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड व ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन के एमडी तरुण
कपूर का कहना है कि समय समय पर केंद्र से इस तरह के निर्देश मिलते रहे
हैं, जिसे प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लिया है। पॉवर कॉरपोरेशन भविष्य में
प्रोजेक्ट निर्माण में सुरंग एवं रोप-वे बनाने पर ध्यान देगी।

शुक्ला कमेटी ने सामने लाया सच
हाईकोर्ट के निर्देश पर शुक्ला कमेटी के गठन के बाद जो सच्चाई सामने आई है,
उसके आंकड़े चौंकाने वाले है। कमेटी ने माना है कि अब तक प्रोजेक्टों की
आड़ में दस लाख से अधिक पेड़ बलि चढ़ाए जा चुके हैं। इसी तरह करीब 20 हजार
के करीब पेड़ बिना अनुमति के भी काटे जा चुके हैं, जो चिंता का विषय है।

सैंज प्रोजेक्ट में बनी ट्रैफिक टनल
हिमाचल प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड की तरफ से अब तक 100 मेगावाट के सैंज
प्रोजेक्ट में ट्रैफिक सुरंगें बनाई गई है। इन सुरंगों में एक की लंबाई300
मीटर व दूसरी की 200 मीटर है। शांगटांग प्रोजेक्ट में रोप वे पर काम होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *