जगदलपुर/रायपुर.आंधी,
ओले और बारिश की वजह से बस्तर के खरीदी केंद्रों में 33 करोड़ 10 लाख रुपए
का धान खराब होने की आशंका है। बकावंड-जगदलपुर में स्थिति ज्यादा गंभीर
है। यहां पिछले साल 37 लाख का धान खराब हो गया था।
अंधड़ के साथ हुई तेज बारिश से जिले के धान संग्रहण केंद्रों में स्थिति
गंभीर हो चली है। केंद्रों में पड़ा लाखों क्विंटल धान बारिश की भेंट चढ़
गया है। हालांकि सभी केंद्रों पर धान ढंकने की व्यवस्था की गई थी, इसके
बावजूद तेज अंधड़ की चपेट में आकर तालपत्री उड़ गए। कई जगह फट जाने से काफी
संख्या में संग्रहित बोरे भीग गए हैं।
अधिकतर खरीदी केंद्रों की हालत काफी खराब है। शहर सीमा से लगे सरगीपाल के
खरीदी केंद्र पर संग्रहीत धान पानी में बुरी तरह भीगे साथ ही यहां पिछले
दिनों आई बारिश के बाद धान के पौधे भी निकल आए हैं।
70 से ज्यादा खरीदी केंद्रों में धान है जाम :
जिले भर के 70 से ज्यादा धान खरीदी केंद्र ऐसे हैं जहां अब भी हजारों
क्विंटल धान जाम पड़ा हुआ है। इन्हें सोसायटी के कमरों में तो रखा ही गया
है, साथ ही काफी मात्रा में धान बाहर पड़ा है।
जिसे चोरों और जानवरों से बचाना बड़ी समस्या बनी हुई है। रेलवे लाइन के पास
स्थित सरगीपाल खरीदी केंद्र के प्रभारी विजय ठाकुर ने बताया कि उनके
केंद्र से कई बार धान चोरी हो चुकी है जिसकी शिकायत पुलिस थाने में भी दर्ज
कराई गई है।
इस केंद्र में अब तक कई बार चौकीदार बदले जा चुके हैं, पर चोरी पर विराम
नहीं लग सका है। कंटीले पौधों से बनाई गई बाड़ गिर गई है जिससे आवारा मवेशी
बोरे को क्षतिग्रस्त करते रहते हैं। इस केंद्र पर अंतिम बार 10 फरवरी को
डीओ कटा था, जिसके बाद अब तक धान का उठाव नहीं हो सका है। करीब सभी
केंद्रों का यही हाल है।
पिछले साल 37 लाख का धान हुआ था खराब :
समय पर उठाव नहीं होने से पिछले साल बारिश से करीब 37 लाख रुपए का धान खराब
हो गया था। करीब 20 सोसायटियों के प्रबंधकों को नुकसानी की भरपाई के लिए
जिम्मेदार बताया गया था। इसके बाद प्रबंधकों को बैंक ने नोटिस भी जारी किया
था। छत्तीसगढ़ विधानसभा में भी इससे संबंधित जानकारी भेजी गई थी। फिलहाल
वसूली का मामला अटका हुआ है।
ओले और बारिश की वजह से बस्तर के खरीदी केंद्रों में 33 करोड़ 10 लाख रुपए
का धान खराब होने की आशंका है। बकावंड-जगदलपुर में स्थिति ज्यादा गंभीर
है। यहां पिछले साल 37 लाख का धान खराब हो गया था।
अंधड़ के साथ हुई तेज बारिश से जिले के धान संग्रहण केंद्रों में स्थिति
गंभीर हो चली है। केंद्रों में पड़ा लाखों क्विंटल धान बारिश की भेंट चढ़
गया है। हालांकि सभी केंद्रों पर धान ढंकने की व्यवस्था की गई थी, इसके
बावजूद तेज अंधड़ की चपेट में आकर तालपत्री उड़ गए। कई जगह फट जाने से काफी
संख्या में संग्रहित बोरे भीग गए हैं।
अधिकतर खरीदी केंद्रों की हालत काफी खराब है। शहर सीमा से लगे सरगीपाल के
खरीदी केंद्र पर संग्रहीत धान पानी में बुरी तरह भीगे साथ ही यहां पिछले
दिनों आई बारिश के बाद धान के पौधे भी निकल आए हैं।
70 से ज्यादा खरीदी केंद्रों में धान है जाम :
जिले भर के 70 से ज्यादा धान खरीदी केंद्र ऐसे हैं जहां अब भी हजारों
क्विंटल धान जाम पड़ा हुआ है। इन्हें सोसायटी के कमरों में तो रखा ही गया
है, साथ ही काफी मात्रा में धान बाहर पड़ा है।
जिसे चोरों और जानवरों से बचाना बड़ी समस्या बनी हुई है। रेलवे लाइन के पास
स्थित सरगीपाल खरीदी केंद्र के प्रभारी विजय ठाकुर ने बताया कि उनके
केंद्र से कई बार धान चोरी हो चुकी है जिसकी शिकायत पुलिस थाने में भी दर्ज
कराई गई है।
इस केंद्र में अब तक कई बार चौकीदार बदले जा चुके हैं, पर चोरी पर विराम
नहीं लग सका है। कंटीले पौधों से बनाई गई बाड़ गिर गई है जिससे आवारा मवेशी
बोरे को क्षतिग्रस्त करते रहते हैं। इस केंद्र पर अंतिम बार 10 फरवरी को
डीओ कटा था, जिसके बाद अब तक धान का उठाव नहीं हो सका है। करीब सभी
केंद्रों का यही हाल है।
पिछले साल 37 लाख का धान हुआ था खराब :
समय पर उठाव नहीं होने से पिछले साल बारिश से करीब 37 लाख रुपए का धान खराब
हो गया था। करीब 20 सोसायटियों के प्रबंधकों को नुकसानी की भरपाई के लिए
जिम्मेदार बताया गया था। इसके बाद प्रबंधकों को बैंक ने नोटिस भी जारी किया
था। छत्तीसगढ़ विधानसभा में भी इससे संबंधित जानकारी भेजी गई थी। फिलहाल
वसूली का मामला अटका हुआ है।