बिहार: नई पीढ़ी स्वास्थ्य गारंटी योजना शुरू

पटना। बिहार में नई पीढ़ी को स्वस्थ्य रखने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश
कुमार ने महत्वाकांक्षी योजना ‘नई पीढ़ी स्वास्थ्य गारंटी योजना’ शुरू की
है। इस योजना के तहत राज्य के सभी 14 वर्ष तक के लड़कों और 18 वर्ष तक की
लड़कियों को हेल्थ कार्ड दिया जाएगा।

बिहार देश में ऐसा पहला राज्य होगा जहां शून्य से 14 वर्ष के सभी
बच्चों का इलाज सरकार अपने खर्च पर करवाएगी। सरकार बच्चों का इलाज राज्य के
प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्रों से लेकर देश के बड़े संस्थानों तक में
कराएगी। मुख्यमंत्री ने बिहार दिवस के मौके पर मंगलवार को पांच
छात्र-छात्राओं को हेल्थ कार्ड देकर इस योजना का शुभारंभ किया। प्राथमिक
विद्यालय, मसौढ़ी का सुमन कुमार पहला हेल्थ कार्ड पाने वाला छात्र बना।

नीतीश ने कहा है कि अगर यह योजना लगातार चले तो बिहार में सभी लोग
स्वास्थ्य होंगे। उन्होंने इस योजना को सरजमीं पर उतारने के लिए स्वास्थ्य
विभाग को बधाई दी और कहा कि बिहार में शिक्षा और स्वास्थ्य सरकार की
प्राथमिकता है। सरकार का मानना है कि राज्य में शून्य से लेकर 14 वर्ष आयु
वर्ग में करीब 3.40 करोड़ बच्चे है।

अनुमान के मुताबिक इनमें से छह वर्ष से 14 वर्ष के अधिकांश बच्चे
विद्यालय में है। नई पीढ़ी स्वास्थ्य गारंटी योजना के नाम से जाने जाने
वाले इस कार्यक्रम के तहत राज्य के सभी बच्चों को एक हेल्थ कार्ड दिया
जाएगा जिसके तहत वे अपना मुफ्त इलाज करा सकेंगे। राज्य के स्वस्थ्य मंत्री
अश्विनी कुमार चौबे का कहना है कि यह योजना राज्य के करीब सभी 11,000
स्वास्थ्य केंद्रों तथा स्वास्थ्य उपकेंद्रों के साथ-साथ राज्य के करीब
70,000 प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय में चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 14
वर्ष तक के लड़के और 18 वर्ष तक की लड़कियां इस योजना में शामिल की जाएंगी।

उन्होंने बताया कि इस योजना पर प्रतिवर्ष 125 करोड़ रुपये खर्च होने का
अनुमान है। इस वर्ष यह योजना दो अक्टूबर तक चलेगी। उन्होंने कहा कि अगामी
वर्षो में यह योजना प्रत्येक वर्ष दो-तीन महीने ही चलेगी। इस योजना में
राज्य के सरकारी शिक्षकों का भी सहयोग लिया जाएगा। हेल्थ कार्ड की एक प्रति
सम्बंधित विद्यालयों में भी होगी, जिसमें प्रतिवर्ष संशोधन किया जाएगा। वह
कहते है कि इन बच्चों का इलाज प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र से प्रारंभ
होगा और उनके रेफर होने की स्थिति में उन बच्चों का इलाज देश के जाने-माने
अस्पतालों में कराया जाएगा।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा ने बताया कि
अगले पांच वर्ष तक की योजना बनाई गई है, जिसमें प्रत्येक वर्ष चार महीने तक
बच्चों के बीच हेल्थ कार्ड बांटा जाएगा। स्वास्थ्य केंद्रों समेत
विद्यालयों तथा गांवों में शिविर लगाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की
जाएगी। बच्चों के स्वास्थ्य सम्बंधित सभी रिकार्ड अंकित होंगे। बच्चों की
ऊंचाई, वजन, आंख, नाक, गला, चर्म रोग, होंठ कटा हुआ [कलेट लिप्स], हृदय की
स्थिति समेत सभी विवरण इस हेल्थ कार्ड में होंगे। उन्होंने कहा कि शून्य से
छह वर्ष के बच्चों में आम तौर पर आंख, दांत, चर्म रोग, होंठ कटा तथा हृदय
रोगकी समस्या अधिक होती है। अगर इनका इलाज प्रारंभ में ही करा दिया जाए तो
इन रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। वह कहते है कि कलेट लिप्स का आपरेशन
अगर तीन वर्ष के अंदर करा दिया जाए तो वह बिल्कुल ठीक हो जाता है।

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