केंद्रीय लेबोरेट्री में जांच ग्लूकोज में मिला संक्रमण

जोधपुर/जयपुर
जोधपुर में प्रसूताओं की मौत को लेकर मचे हंगामे के बीच कोलकाता की
केंद्रीय जांच लेबोरेट्री में भेजी गई दवाइयों में इंजेक्शन रिंगर लेक्टेट
सॉल्यूशन बैच नंबर ओडी-0077 का नमूना अमानक घोषित हुआ है।




यह इंजेक्शन बैक्टीरियल एंडोटोक्सिसंस एवं स्टेरिलिटी टेस्ट में फेल हो
गया। जांच के लिए भेजे गए तीन आईवी फ्ल्यूड्स की जांच रिपोर्ट लंबे इंतजार
के बाद सोमवार को राज्य सरकार को मिल गई। प्रसूताओं की मौतों के मामले का
खुलासा सबसे पहले दैनिक भास्कर ने 17 फरवरी को किया था।




चिकित्सा मंत्री एमादुद्दीन खान ने बताया कि जांच को भेजे गए अन्य दो नमूने
इंजेक्शन रिंगर लेक्टेट सॉल्यूशन बैच नंबर आईडी-0002 और इंजेक्शन
डैक्सट्रोज 5 प्रतिशत बैच नंबर आईए 0007 के नमूने मानक घोषित हुए हैं।




खान ने बताया कि मेडिकल कॉलेज जोधपुर की माइक्रोबायोलॉजी जांच में इंदौर की
मै. पेरेंटल सर्जिकल लिमिटेड निर्मित तीनों नमूने कल्चर रिपोर्ट में
पॉजिटिव पाए जाने के कारण संक्रमित पाए गए थे। इन नमूनों को औषधि एवं
प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत कोलकाता में जांच के लिए भेजा गया था।




उन्होंने बताया कि इस कंपनी निर्मित दवा को प्रदेश में पहले ही प्रतिबंधित
कर दिया गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर सक्षम न्यायालय में अधिनियम के
प्रावधानों के अनुसार मुकदमा दर्ज करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की
जाएगी।




खान ने बताया कि रिपोर्ट जोधपुर के संभागीय आयुक्त एवं पुलिस को भेज दी गई
है। उम्मेद अस्पताल जोधपुर को इस आईवी फ्ल्यूड्स की आपूर्ति करने वाली फर्म
मैं. अंशुल फार्मा जोधपुर एवं मैं. रोईंटोग्राफिक्स जोधपुर से अब तक कारण
बताओ नोटिस का जवाब नहीं मिलने के कारण दोनों आपूर्तिकर्ताओं के ड्रग
लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं।




दो माह में उपयोग में आए 2700 इंजेक्शन :




कोलकाता की जांच लेबोरेट्री में अमानक घोषित होने वाले रिंगर लेक्टेट
सॉल्यूशन बैच नंबर ओडी-0077 की अंशुल फार्मा ने चार हजार इंजेक्शनों की
आपूर्ति की थी। इनमें 2810 इंजेक्शन उम्मेद अस्पताल में उपयोग में लाए गए
हैं, जबकि 1190 जब्त हैं। ये इंजेक्शन प्रसूताओं के साथ ही बच्चों को भी
लगाए गए हैं। अब यह जांच का विषय है कि प्रसूताओं की मौत के लिए जिम्मेदार
ये इंजेक्शन ही तो नहीं थे।




मेडिकल कॉलेज की लैब सही या केंद्रीय लेबोरेट्री:




कोलकाता स्थित लेबोरेट्री में जांच के लिए जाने से पहले दवाओं के तीनों
नमूनों का जोधपुर मेडिकल कॉलेज की लैब में परीक्षण किया गया।
माइक्रोबायोलॉजी जांच रिपोर्ट में ये तीनों नमूने इंफेक्टेड पाए गए। बाद
में इन्हें कोलकाता भेजा गया। वहां दो मानक जबकि एक अमानक पाया गया।दोनों
स्थानों से रिपोर्ट में आई असमानता ने मेडिकल कॉलेज की लैब पर भी कई सवाल
खड़े कर दिए हैं। दिल्ली से आई स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने इस लैब को
बायोसेफ्टी लेवल के अनुरूप नहीं मानते हुए भी सवाल उठाया था।

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