मद्देनजर खाद्यान्नों के स्टॉकिस्ट बिकवाली पर उतर आये हैं। इसी वजह से न
सिर्फ खाद्यान्न की महंगाई थमी हैं, बल्कि आने वाले दिनों में इसमें और
गिरावट के संकेत हैं। महंगाई के जारी आंकड़े में गेहूं, दाल और आलू की
कीमतों घटी हैं। तीन महीने के लंबे अंतराल के बाद महंगाई की दर दहाई अंक
से नीचे आ गई है।
गेहूं व दालों में बिकवाली का जोर होने से जिंस बाजार में पिछले कुछ
हफ्तों से लगातार गिरावट का रुख है। इस बिकवाली की वजह आगामी रबी फसल में
होने वाली बंपर पैदावार है। महंगाई का यह आंकड़ा 26 फरवरी को खत्म हुए
सप्ताह में खाद्यान्न के मूल्यों के आधार पर जारी किया गया है। सरकार की
तरफ से जारी आंकड़ों में खाद्यान्न की महंगाई दर 9.52 फीसदी तक आ गई है, जो
पिछले सप्ताह के मुकाबले 0.61 फीसदी कम है। आलू में 8.96 फीसदी, गेहूं में
1.07 फीसदी और दालों के मूल्य में 3.91 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
उधर, कृषि मंत्रालय के ताजा अनुमान के मुताबिक रबी सीजन में गेहूं की
पैदावार पिछले साल के 8.01 करोड़ टन से मुकाबले 8.20 करोड़ टन होगी। जबकि
दलहन का उत्पादन बढ़कर 1.65 करोड़ टन होने वाला है। इसकी वजह से दालों के
स्टॉकिस्ट बिकवाली में सक्रिय हो गये हैं। इसी वजह से दालों की खपत कम हुई
है और बाजार में कीमतें घटी हैं। अनुकूल मौसम के चलते आलू का उत्पादन भी
बढ़ा है।
वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अपने बजट भाषण में भी खाद्यान्न की
महंगाई पर चिंता जताते हुए आने वाले दिनों में इस पर नियंत्रण पाने की बात
कही थी। महंगाई घटने का बड़ा दारोमदार रबी फसलों की पैदावार पर टिका है, जिस
पर सरकार की निगाहें लगी हैं।