शिमला।
अब सरकारी कॉलेजों में आउटसोर्सिग से पढ़ाई होगी। आउटसोर्सिस के माध्यम से
नए पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके लिए निजी कंपनियों का सहयोग लिया जाएगा।
निजी कंपनियों की तरफ से इस तरह के आवेदन मिलने के बाद शिक्षा निदेशालय
स्तर पर कमेटी गठित की जाएगी, जो इस बारे में अंतिम निर्णय लेगी कि किन
कॉलेजों में इस तरह के पाठयक्रम चलाए जा सकते हैं।
उच्च शिक्षा निदेशालय ने इसके लिए 31 मार्च तक निजी कंपनियों से आवेदन करने
को कहा है। इन कंपनियों के आवेदन उसी स्थिति में स्वीकृत होंगे, जब उसके
पास संबंधित पाठ्यक्रम को चलाने की क्षमता होगी। यह पाठ्यक्रम में सरकारी
और निजी क्षेत्र में मांग के अनुरूप चलाए जाने का प्रस्ताव है। इससे पूर्व
स्कूल स्तर पर शिक्षा विभाग ने ऐसा प्रयास कंप्यूटर शिक्षा को देने के लिए
किया है, जो सफल रहा है।
हालांकि शुरू में इस पर खासा विवाद हुआ और अब प्रदेश के स्कूलों में कंपनी
के अंतर्गत कार्य करने वाले कंप्यूटर शिक्षक पंजाब की तर्ज पर अपनी सेवाएं
सरकारी क्षेत्र में समायोजित करने की मांग कर रहे हैं। पहले चरण में प्रदेश
में 25 से 30 कॉलेजों में इस तरह का प्रयास किया जाएगा। कॉलेजों में यह
शिक्षा रूटीन के पाठ्यक्रमों से अलग दी जाएगी। इसे कोई भी छात्र कर सकता
है। यह प्रयास सफल रहने पर इस तरह का प्रयोग अन्य कॉलेजों में भी किया
जाएगा। समय के साथ कॉलेजों में बाजार की मांग के अनुसार ऐसे विषय शुरू करने
की मांग की जा रही थी, लेकिन अब तक इस तरह का प्रयास शुरू नहीं हो पाया।
शॉर्ट टर्म पाठ्यक्रम जो शुरू होंगे
कॉलेजों में नए पाठ्यक्रम शॉर्ट टर्म के लिए होंगे। बैंकिंग, आईटी, उद्योग,
कॉल सेंटर सर्विस, बीमा, स्वास्थ्य सेवाएं, आपात सेवा, पर्सनल डवलपमेंट
एंड कम्यूनिकेशन स्किल एवं बाजार की मांग के अनुरूप पाठ्यक्रम शुरू होने
हैं। इसमें मुख्य रूप से अंग्रेजी विषय को प्रधानता दी जाएगी ताकि आने वाले
समय में युवाओं को किसी भी क्षेत्र में जाने पर परेशानी न आए।
अब सरकारी कॉलेजों में आउटसोर्सिग से पढ़ाई होगी। आउटसोर्सिस के माध्यम से
नए पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके लिए निजी कंपनियों का सहयोग लिया जाएगा।
निजी कंपनियों की तरफ से इस तरह के आवेदन मिलने के बाद शिक्षा निदेशालय
स्तर पर कमेटी गठित की जाएगी, जो इस बारे में अंतिम निर्णय लेगी कि किन
कॉलेजों में इस तरह के पाठयक्रम चलाए जा सकते हैं।
उच्च शिक्षा निदेशालय ने इसके लिए 31 मार्च तक निजी कंपनियों से आवेदन करने
को कहा है। इन कंपनियों के आवेदन उसी स्थिति में स्वीकृत होंगे, जब उसके
पास संबंधित पाठ्यक्रम को चलाने की क्षमता होगी। यह पाठ्यक्रम में सरकारी
और निजी क्षेत्र में मांग के अनुरूप चलाए जाने का प्रस्ताव है। इससे पूर्व
स्कूल स्तर पर शिक्षा विभाग ने ऐसा प्रयास कंप्यूटर शिक्षा को देने के लिए
किया है, जो सफल रहा है।
हालांकि शुरू में इस पर खासा विवाद हुआ और अब प्रदेश के स्कूलों में कंपनी
के अंतर्गत कार्य करने वाले कंप्यूटर शिक्षक पंजाब की तर्ज पर अपनी सेवाएं
सरकारी क्षेत्र में समायोजित करने की मांग कर रहे हैं। पहले चरण में प्रदेश
में 25 से 30 कॉलेजों में इस तरह का प्रयास किया जाएगा। कॉलेजों में यह
शिक्षा रूटीन के पाठ्यक्रमों से अलग दी जाएगी। इसे कोई भी छात्र कर सकता
है। यह प्रयास सफल रहने पर इस तरह का प्रयोग अन्य कॉलेजों में भी किया
जाएगा। समय के साथ कॉलेजों में बाजार की मांग के अनुसार ऐसे विषय शुरू करने
की मांग की जा रही थी, लेकिन अब तक इस तरह का प्रयास शुरू नहीं हो पाया।
शॉर्ट टर्म पाठ्यक्रम जो शुरू होंगे
कॉलेजों में नए पाठ्यक्रम शॉर्ट टर्म के लिए होंगे। बैंकिंग, आईटी, उद्योग,
कॉल सेंटर सर्विस, बीमा, स्वास्थ्य सेवाएं, आपात सेवा, पर्सनल डवलपमेंट
एंड कम्यूनिकेशन स्किल एवं बाजार की मांग के अनुरूप पाठ्यक्रम शुरू होने
हैं। इसमें मुख्य रूप से अंग्रेजी विषय को प्रधानता दी जाएगी ताकि आने वाले
समय में युवाओं को किसी भी क्षेत्र में जाने पर परेशानी न आए।